ईवीएम पर उठते सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बैलेट पेपर की वापसी की मांग ख़ारिज की

शीर्ष अदालत में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने कहा कि वे अभी तक नहीं भूले हैं कि जब मतपत्रों के माध्यम से वोट डाले जाते थे, तो क्या होता था.

2013-23 के बीच गैर-चुनावी बॉन्ड से पार्टियों को 7,726 करोड़ का चंदा मिला, क़रीब 65% भाजपा को

राजनीतिक दलों को 10 सालों में मिले कुल 7,726 करोड़ रुपये के चंदे में से भाजपा को लगभग 5,000 करोड़ रुपये या 64.7% मिले, उसके बाद कांग्रेस (10.7%), भारत राष्ट्र समिति (3.3%) और आम आदमी पार्टी (3.1%) का नंबर आता है.

राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को प्राप्त होने वाला लगभग 60% धन ‘अज्ञात’ स्रोतों से होता है: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2022-23 में छह राष्ट्रीय दलों द्वारा आय के रूप में घोषित 3,076.88 करोड़ रुपये में से 59% से अधिक अज्ञात स्रोतों से आया था. इसमें से चुनावी बॉन्ड से होने वाली आय का हिस्सा 1,510.61 करोड़ रुपये या 82.42% था. इसका बड़ा हिस्सा भाजपा को मिला.

भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड्स की जानकारी साझा करने के लिए कोर्ट से जून तक का वक़्त मांगा

15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द करते समय सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक को आदेश दिया था कि वह अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक दे, जिसे चुनाव आयोग 13 मार्च तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट प्रकाशित करेगा.

साल 2022-23 में चुनावी ट्रस्टों द्वारा दिए गए दान में से भाजपा को 70 प्रतिशत से अधिक मिला: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण के अनुसार, पांच चुनावी ट्रस्टों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 366.49 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें भाजपा को सबसे अधिक 259.08 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ. बीआरएस को 90 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस, आप तथा कांग्रेस को सामूहिक रूप से कुल 17.40 करोड़ रुपये दान में ​मिले.

क्षेत्रीय दलों में समाजवादी पार्टी सबसे अमीर, उसके बाद भारत राष्ट्र समिति: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2020-21 में समाजवादी पार्टी द्वारा सबसे अधिक 561.46 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की गई, जो 2021-22 में 1.23 प्रतिशत बढ़कर 568.369 करोड़ रुपये हो गई. इसके बाद भारत राष्ट्र समिति का नंबर है, जिसकी संपत्ति 2020-21 में 319.55 करोड़ रुपये थी जो 2021-22 में 512.24 करोड़ रुपये हो गई.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा, चुनावी बॉन्ड से मिले दान का ब्योरा तैयार रखें

चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों की गुमनाम फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग पास चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को दिए गए दान का विवरण होना चाहिए. इसे अदालत में अपने पास रखें. हम उचित समय पर इस पर गौर कर सकते हैं.

मध्य प्रदेश में 81 प्रतिशत विधायक करोड़पति, ज़्यादातर भाजपा से: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, भाजपा के 129 विधायकों में से 107 (83%) करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 97 विधायकों में से 76 (78%) करोड़पति है. चार में से तीन निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं.

कांग्रेस ने चुनावी बॉन्ड से सभी दलों की तुलना में भाजपा को तीन गुना अधिक धन मिलने पर सवाल उठाया

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी पारदर्शिता की बात करते हैं, लेकिन चुनावी बॉन्ड राजनीतिक फंडिंग की सबसे अपारदर्शी प्रणाली है. इसके ज़रिये भाजपा ने विधायक ख़रीदने और सरकारें गिराने का काम किया.

आने वाले चुनाव में अधिक संख्या में मतदाताओं के नोटा चुनने की संभावना: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

एक वेबिनार में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम ज़ैदी ने कहा कि मतदाता बड़ी संख्या में वोट के लिए बाहर निकलते हैं, लेकिन उन्हें अच्छी पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार नहीं मिलते, इसलिए वोट नहीं देने के बजाय वे नोटा पर शिफ्ट हो गए. आने वाले चुनाव के बाद के विश्लेषण का यह विषय हो सकता है.

वीवीपैट पर्चियों की गिनती के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका, निष्पक्ष चुनाव के लिए ज़रूरी बताया

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया है कि मतगणना में वीवीपैट पर्चियों की गिनती की शुरुआत से ही ईवीएम में मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जा सकता है. वीवीपैट प्रणाली के साथ ईवीएम मतदान प्रणाली का सटीक होना सुनिश्चित करते हैं.

सुप्रीम कोर्ट पीठ ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति के ख़िलाफ़ याचिका से ख़ुद को अलग किया

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयुक्त के रूप में अरुण गोयल की नियुक्ति मनमाना और संस्थागत अखंडता और चुनाव आयोग की स्वतंत्रता का उल्लंघन है. गोयल को 19 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया था.

2004 से कर्नाटक के 1,135 सांसदों, विधायकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और कर्नाटक इलेक्शन वॉच द्वारा 2004 से विश्लेषित किए गए 801 सांसदों/विधायकों में से 239 ने उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें से 150 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. भाजपा में गंभीर आपराधिक मामलों वाले विधायकों/सांसदों की संख्या सर्वाधिक है.

राष्ट्रीय दलों ने वर्ष 2004-21 के दौरान अज्ञात स्रोतों से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त किए: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने राजनीतिक दलों के आयकर रिटर्न और भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर किए गए दान प्राप्ति के विवरणों के आधार पर किए गए विश्लेषण में पाया गया कि वित्त वर्ष 2004-05 और 2020-21 के बीच आठ राष्ट्रीय दलों ने 15,077.97 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किए.

2021-22 में भाजपा ने सर्वाधिक आय घोषित की, तृणमूल की आय में बड़ा इज़ाफ़ा: एडीआर

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, आठ राष्ट्रीय दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 3289.34 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होने की घोषणा की है, जिसमें से आधे से अधिक, क़रीब 1,917.12 करोड़ रुपये भाजपा के हिस्से में आए. वित्त वर्ष 2020-21 के मुक़ाबले भाजपा की आय दोगुनी से अधिक हुई है.

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