एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-2020 में भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा और टीएमसी द्वारा इसी अवधि में प्राप्त चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक है. भाजपा को 785.77 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि शेष दलों को कुल 228.035 करोड़ रुपये का चंदा मिला.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में शामिल कुल 78 मंत्रियों में से चार के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं. इसके साथ ही 90 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे की 76.17 फीसदी राशि भाजपा को मिली है. इसके बाद दूसरे स्थान पर कांग्रेस को 58 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
चुनाव अधिकार संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, केरल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल 12 या 60 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि पांच या 25 प्रतिशत मंत्रियों ने अपने ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाले संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिकट रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2016 से 2020 के दौरान हुए चुनावों में कांग्रेस के 170 विधायक दूसरे दलों में शामिल हुए जबकि भाजपा के सिर्फ़ 18 विधायकों ने दूसरी पार्टियों का दामन थामा.
गुजरात विधानसभा की आठ सीटों के लिए तीन नवंबर को उपचुनाव होना है, जिसके नतीजे दस नवंबर को घोषित किए जाएंगे. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 80 उम्मीदवारों में से 20 करोड़पति हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दूसरे चरण का मतदान तीन नवंबर को होगा. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक़ 1,463 उम्मीदवारों में से 389 उम्मीदवारों के ख़िलाफ़ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
मध्य प्रदेश की 28 सीटों पर तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं. इनमें से अधिकतर सीटें कांग्रेस के बागी विधायकों के पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने के बाद खाली हुई हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और दिल्ली इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में केवल आठ विधायक हैं, जिनके ख़िलाफ़ कोई केस दर्ज नहीं है और उन्होंने उन प्रत्याशियों को हराया, जिनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
चुनाव सुधार से संबंधित शोध संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा ने चुनाव में 1141.72 करोड़ रुपये ख़र्च किए, वहीं कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 626.36 करोड़ रुपये व्यय किया है.
वीडियोः एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की हालिया रिपोर्ट बताती है कि संसद और विधानसभाओं में बैठे हमारे प्रतिनिधियों में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ी है, जिन पर महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध और बलात्कार के मामले दर्ज हैं. इस बारे में विस्तार से बता रही हैं रीतू तोमर.
एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स के अनुसार, पिछले पांच सालों में भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से जूझ रहे 66 उम्मीदवारों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया. कांग्रेस ने 46 ऐसे उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी ने 40 ऐसे उम्मीदवार उतारे.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा की कुल संपत्ति, जो वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान 1213.13 करोड़ रुपये थी, वो 2017-18 वित्त वर्ष में बढ़कर 1483.35 करोड़ रुपये हो गई.
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि बीते दो वित्त वर्षों में राजनीतिक दलों को कॉरपोरेट से मिलने वाले चंदे में 160 फीसदी का वृद्धि हुई है. साथ ही चुनाव आयोग को राजनीतिक दलों द्वारा दानकर्ताओं के पैन कार्ड समेत कई अनिवार्य जानकारियां नहीं दी गईं.
चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी शोध संस्था एडीआर के अनुसार, सबसे ज्यादा अमीर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल हैं, जिनकी संपत्ति 217 करोड़ रुपये है. पीयूष गोयल की संपत्ति 95 करोड़ रुपये है. गुरुग्राम से निर्वाचित राव इंद्रजीत सिंह तीसरे सबसे धनी मंत्री हैं और उनकी संपत्ति 42 करोड़ रुपये है.