जाति, धर्म, पैसे व पहुंच के आधार पर बरते जा रहे भेदभाव नागरिकों के एक समूह को निरंतर अमर्यादित शक्ति से संपन्न और उद्दंड बनाते जा रहे हैं, जबकि दूसरे विशाल समुदाय को लगातार निर्बल, असमर्थ और सब कुछ सहने को अभिशप्त. यह दूसरा समुदाय बार-बार सरकारें बदलकर भी अपनी नियति नहीं बदल पा रहा है.
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर का मामला. पुलिस ने बताया कि भारी बारिश के कारण दो आदिवासी भाइयों की बाइक फिसल गई थी, जिससे पास के एक टाउनशिप के कुछ सुरक्षा गार्डों के साथ उनकी बहस हो गई. इसके बाद दोनों भाइयों को पकड़कर उनके साथ गाली-गलौच और बर्बरतापूर्वक मारपीट की गई.
शुक्ला और त्यागी के ख़िलाफ़ बुलडोज़र की मांग करने के पहले यह सोच लेना चाहिए कि यह मुसलमानों के ख़िलाफ़ फ़ौरी कार्रवाई का औचित्य बन जाएगा. अब खुलकर बुलडोज़र का इस्तेमाल होगा. सरकारें यह करके कह सकेंगी कि वे कोई भेदभाव नहीं करतीं.