पिछले दो महीनों में उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के पूर्व और वर्तमान छात्रों को मिलाकर 9 युवकों को गिरफ़्तार किया है. उन पर सरकार के ख़िलाफ़ अपराध करने की साज़िश रचने, सरकार के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने के इरादे से हथियार इकट्ठा करने, आतंकवादी कृत्य की साज़िश रचने आदि से संबंधित आरोप हैं.
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद-रोधी दस्ते (एटीएस) ने कुछ दिन पहले आतंकी संगठन आईएसआईएस से कथित तौर पर जुड़े तीन लोगों को गिरफ़्तार करने के बाद यह गिरफ्तारी की है. एटीएस ने बताया कि गिरफ़्तार आरोपियों के पास से प्रतिबंधित आईएसआईएस साहित्य, मोबाइल फोन और पेन ड्राइव ज़ब्त किए गए हैं.
बीते 18 अक्टूबर को यूपी एटीएस ने एक्टिविस्ट बृजेश कुशवाहा को उनके पैतृक निवास देवरिया, जबकि उसकी पत्नी प्रभा को छत्तीसगढ़ के रायपुर स्थित उसके मायके से गिरफ़्तार किया गया है. ये गिरफ़्तारी साल 2019 में उनके पास से ज़ब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच और उनसे मिले डेटा के आधार पर की गई है.
भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान विभाग अर्थात डीआरडीओ के निदेशक स्तर के वैज्ञानिक प्रोफेसर प्रदीप कुरुलकर की पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में हुई गिरफ़्तारी को लेकर हिंदुत्ववादी संगठनों को क्यों सांप सूंघ गया है?
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि डीआरडीओ ऐसा विभाग है, जो सीधे प्रधानमंत्री के तहत आता है. संघ से जुड़ा शख़्स संवेदनशील सूचनाएं दुश्मन देश को दे रहा था, लेकिन मीडिया से ख़बर ग़ायब है. यह गद्दार अगर किसी और राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ होता तो मीडिया इसके अलावा कोई और ख़बर ही नहीं चलाता.
तर्कवादी और अंधविश्वास विरोधी कार्यकर्ता 82 वर्षीय गोविंद पानसरे की 16 फरवरी 2015 को कोल्हापुर में सुबह की सैर से घर लौटते समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोपी एक हिंदू कट्टरपंथी समूह ‘सनातन संस्था’ के सदस्य हैं.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में महाराष्ट्र के आपराधिक जांच विभाग के प्रयासों के बावजूद जांच की दिशा में 2015 से कोई प्रगति या सफलता नहीं दिखी, इसलिए जांच को राज्य के एटीएस को सौंपा जाना चाहिए. फरवरी 2015 में पानसरे को कोल्हापुर में गोली मारी गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि वामपंथी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की हत्या के मामले में जांच आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) को हस्तांतरित करने की मांग करने वाली परिजनों की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार को निर्णय लेना चाहिए. अदालत ने कहा कि हम अंतहीन इंतजार नहीं कर सकते. हम इस पर फैसला चाहते हैं.
वामपंथी नेता और सामाजिक कार्यकर्ता गोविंद पानसरे की बहू ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि 2015 से मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और जांच की स्थिति निराशाजनक है. इस पर अदालत ने महाराष्ट्र पुलिस के सीआईडी को पानसरे की 2015 में हुई हत्या की जांच में 2020 से अब तक हुई प्रगति की जानकारी देते हुए एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को कथित तौर पर क्लीनचिट देने की प्राथमिक जांच की रिपोर्ट बीते दिनों लीक हो गई थी. जांच अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित कथित प्राथमिक जांच रिपोर्ट के लीक हुए दस्तावेज़ों के अनुसार, देशमुख के ख़िलाफ़ कोई संज्ञेय अपराध नहीं पाया गया.
मार्च 2010 में गुजरात एटीएस ने श्रीनगर के बशीर अहमद बाबा को आतंकवाद के आरोप में गिरफ़्तार किया था. बीते महीने उन्हें रिहा करते हुए सत्र अदालत ने कहा था कि अभियोजन कोई साक्ष्य नहीं दे सका. किसी भी शख़्स को समाज में डर या अराजकता फैलाने और समाज के प्रति चिंता के आधार पर दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि उन्होंने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे से मुंबई के बार और होटलों से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के एटीएस और पुलिस को धर्मांतरण के आरोपियों के वित्तीय लेनदेन की जांच करने और संपत्ति ज़ब्त करने के निर्देश दिए हैं.
परमबीर सिंह की उनके ख़िलाफ़ चल रही जांच महाराष्ट्र से बाहर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने के अनुरोध वाली याचिका सुनते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ‘आश्चर्य की बात है’ कि राज्य में 30 साल से ज्यादा सेवा देने के बाद मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह अब कह रहे हैं कि उन्हें राज्य पुलिस पर भरोसा नहीं है.
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास वाहन मिलने व व्यवसायी मनसुख हिरेन की मौत मामलों में गिरफ़्तार निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे ने दावा किया कि अनिल देशमुख ने मुंबई पुलिस में उनकी सेवाएं जारी रखने के लिए उनसे दो करोड़ रुपये मांगे थे. वझे ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य मंत्री अनिल परब ने उनसे मुंबई के कुछ ठेकेदारों से पैसे एकत्र करने को कहा था.