एक कार्यक्रम के दौरान देश अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने सुप्रीम कोर्ट में मामलों की बढ़ती संख्या को कम करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि सरकार उच्च न्यायालयों से मामलों के भारी प्रवाह के साथ-साथ अंतहीन वैधानिक अपीलों के साथ बोझ बढ़ाना बंद करे.
सीजेआई यूयू ललित की पीठ उस कंपनी से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसने कथित तौर पर 27 बैंकों से ऋण लिया और धन की हेराफेरी की. अदालत को बताया गया कि एक पत्रकार ने संबंधित कॉरपोरेट धोखाधड़ी की पड़ताल की है और अब उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ रहा है.
वर्ष 1977 में तमिलनाडु बार काउंसिल से वकालत शुरू करने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता आर. वेंकटरमणी 2010 और 2013 में विधि आयोग के भी सदस्य रह चुके हैं. वह वर्तमान अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है.
मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इस पद के लिए सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को पेशकश की थी, खबरों के मुताबिक पहले उन्होंने स्वीकृति दे दी थी, लेकिन अब अपने क़दम पीछे खींच लिए हैं. रोहतगी पहले 2014 से 2017 के बीच भी इस पद पर रह चुके हैं.
यति नरसिंहानंद ने एक इंटरव्यू में कहा था, '... सुप्रीम कोर्ट, इस संविधान में हमें कोई भरोसा नहीं है. ये संविधान इस देश के सौ करोड़ हिंदुओं को खा जाएगा. ... जो इस सिस्टम, नेताओं, इस पुलिस, फौज और सुप्रीम कोर्ट में भरोसा कर रहे हैं, वो सारे कुत्ते की मौत मरने वाले हैं.'
तमिलनाडु के सांसद थोल थिरुमावलवन ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर पेगासस जासूसी मामले में गृह सचिव अजय भल्ला और पूर्व गृह सचिव राजीव गौबा के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की इजाज़त मांगी है. उन्होंने कहा कि नागरिकों की निगरानी के मसले पर गृह सचिव उपयुक्त अधिकारी हैं, इसलिए याचिका में उन्हें अवमाननाकारक के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है.
अमेरिकी राज्य न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेतीतिया जेम्स द्वारा नियुक्त स्वतंत्र जांचकर्ताओं ने करीब पांच महीने जांच की और 179 लोगों से बातचीत की, जिसमें उन्होंने पाया कि न्यूयॉर्क के गवर्नर और डेमोक्रेट एंड्रयू कुओमो के प्रशासन में कामकाज का ख़राब माहौल है और यह भय पर आधारित है.
देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित मानवाधिकार अधिवक्ता सोराबजी तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह के कार्यकाल में 1989 से 1990 तक और फिर अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में 1998 से 2004 तक भारत के अटॉर्नी जनरल रहे थे.
आत्महत्या के लिए उकसाने के एक मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत मिलने के संबंध में कथित आपत्तिजनक ट्वीट के लिए स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के ख़िलाफ़ हाल ही में अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मंज़ूरी दी है.
अशोक देसाई साल 1996 से 1998 तक देश के अटॉर्नी जनरल रहे. उन्हें समलैंगिकता को अपराध के दायरे से बाहर रखने, नर्मदा बांध प्रकरण और असम में ग़ैरक़ानूनी प्रवासी क़ानून जैसे कई महत्वपूर्ण मामलों के लिए जाना जाता है.
पूर्व अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा, राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग दोनों स्तंभों के बीच टकराव की एक बड़ी वजह है.
अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा था, 'संसद की किसी भी समिति की किसी भी रिपोर्ट की न्यायिक जांच या न्यायिक समीक्षा नहीं हो सकती है.
कोई मंत्री या सरकारी कर्मचारी आपराधिक जांच के मुद्दों पर विचार व्यक्त करते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का दावा कर सकता है या नहीं, इस पर होगा विचार.
तीन तलाक़ मामले की सुनवाई कर रही प्रधान न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ही आधार पर सुनाएगी फ़ैसला.
आयकर जमा करने और पैन कार्ड के लिए आधार अनिवार्य बनाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है.