विवादित भूमि पर मंदिर के अस्तित्व के सवाल पर रामलला के वकील की ओर से 1950 की निरीक्षण रिपोर्ट और ढांचे के भीतर देवताओं की तस्वीरों का एक एलबम भी पीठ को सौंपते हुए कहा गया कि इस तरह के चित्र मस्जिदों में नहीं बल्कि मंदिरों में होते हैं.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के इस सवाल पर रामलला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने जवाब दिया कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि विवादित स्थल पर मंदिर था.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सभी पांच कार्य दिवसों को सुनवाई करने के शीर्ष अदालत के निर्णय पर मुस्लिम पक्षकारों ने आपत्ति दर्ज कराई थी.
बाबरी-राम जन्मभूमि विवाद पर मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट मिलने के एक दिन बाद शीर्ष अदालत ने बताया कि इसका कोई नतीजा नहीं निकलने के चलते अब पांच जजों की संवैधानिक पीठ बहस पूरी होने तक रोज़ इस मामले की सुनवाई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी.
कोर्ट ने कहा कि अगर मध्यस्थता समिति भूमि विवाद मामले को सुलझाने में अपनी असमर्थता व्यक्त करती है तो फिर 25 जुलाई से कोर्ट रोजमर्रा के आधार पर इस मामले की सुनवाई करेगी.
शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टालते हुए दोनों पक्षों से 30 जून तक मध्यस्थता समिति के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को कहा है.
अयोध्या विवाद का साल दर साल तार्किक परिणति से दूर और लाइलाज होते जाना जहां देश की व्यवस्थापिका व कार्यपालिका के ख़िलाफ़ बड़ी टिप्पणी है, वहीं न्यायपालिका के ख़िलाफ़ भी है, जिसने इन दोनों की ही तरह विवाद के ख़ात्मे के लिए ज़रूरी जीवट और इच्छाशक्ति का प्रदर्शन नहीं किया.