1987 में उत्तर प्रदेश के हाशिमपुरा में 42 लोगों की हत्या के आरोप में दिए निचली अदालत के फ़ैसले को पलटते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने 2018 में 16 पीएसी जवानों को दोषी मानते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने उनमें से आठ दोषियों को ज़मानत दी है.
तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को ईडी ने पिछले साल जून में कैश फॉर जॉब्स घोटाला मामले में गिरफ़्तार किया था. सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत देते हुए कहा कि कठोर क़ानूनों के तहत दर्ज मामलों में भी ज़मानत नियम है और जेल अपवाद है.
फरवरी में उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक मदरसे को गिराए जाने के ख़िलाफ़ मुसलमानों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस की गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 60 लोग घायल हुए थे. प्रदर्शन में कथित संलिप्तता के लिए 84 लोगों को गिरफ़्तार किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला एक ऐसे शख़्स की याचिका पर दिया, जिन्हें उनके ख़िलाफ़ विभिन्न राज्यों में दर्ज 13 मामलों में ज़मानत मिलने और ज़मानत राशि होने के बावजूद पर्याप्त ज़मानतदार न जुटा पाने की वजह से जेल में रहना पड़ा था.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दिल्ली आबकारी नीति मामले से जुड़े मामलों में नियमित ज़मानत दी है. सिसोदिया को फरवरी 2023 में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार करने के एक महीने बाद ईडी ने भी गिरफ़्तार किया था.
झारखंड हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को कथित भूमि घोटाला मामले में ज़मानत दी है. ईडी ने कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें 31 जनवरी को गिरफ़्तार किया था.
दिल्ली के एक ट्रायल कोर्ट ने 20 जून को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को ज़मानत दी थी, जिसके ख़िलाफ़ ईडी 21 जून को दिल्ली हाईकोर्ट पहुंची. हाईकोर्ट ने उसी दिन मामले की सुनवाई की और अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए ज़मानत आदेश पर रोक लगा दी.
एल्गार परिषद मामले में वर्ष 2020 में गिरफ़्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा 2022 से अपने नवी मुंबई स्थित घर में नज़रबंद थे. पिछले साल 19 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी, लेकिन एनआईए के अनुरोध पर आदेश को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस अवधि को बढ़ा दिया था.
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अदालत की ये टिप्पणियां त्रिपुरा सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान की गईं, जिसमें एनडीपीएस अधिनियम के एक मामले में तीन आरोपियों को दी गई ज़मानत रद्द करने की मांग की गई थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि अदालतों को एनडीपीएस और यूएपीए अधिनियम की कठोरता को नहीं भूलना चाहिए.
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2018 में उन्नाव बलात्कार मामले की पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके लिए दो पुलिसकर्मियों- अशोक सिंह भदौरिया और कामता प्रसाद को दोषी ठहराते हुए साल 2020 में दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने दस साल क़ैद की सज़ा सुनाई थी.
राज्य में फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर दी गई सरकारी नौकरियों के मामले में कोई कार्रवाई न होती देख 29 लोग विधानसभा के पास सड़क पर नग्न होकर विधायकों के वाहनों के सामने तख्तियां लेकर दौड़ पड़े थे. बीते 18 जुलाई से वह जेल में थे.
ज़मानत नीति में सुधार के एक मामले को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतों द्वारा हर प्रयास किया जाना चाहिए कि जब वे ज़मानत दें, तो इसका कोई अर्थ होना चाहिए क्योंकि ऐसी ज़मानत शर्तें, जो क़ैदी की आर्थिक स्थिति से परे हों, लगाने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता है.
प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य अतीक़-उर-रहमान को 5 अक्टूबर 2020 को पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन के साथ उस समय गिरफ़्तार कर लिया गया था, जब वह उत्तर प्रदेश के हाथरस में बलात्कार पीड़िता से मिलने जा रहे थे. बीते 14 जून को उन्हें जेल से रिहा किया गया है.