गुजरात में हाल ही में बच्चों को ईद के समारोह में भाग लेने के लिए कहने के बाद कई स्कूलों को माफ़ी मांगनी पड़ी है. कच्छ ज़िले के एक सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यह क्षेत्र में सांप्रदायिक अराजकता पैदा करने का प्रयास है.
पहला मामला उत्तर गुजरात के मेहसाणा ज़िले के एक प्री-स्कूल का है. विरोध प्रदर्शन के बाद स्कूल की निदेशक ने लिखित में माफ़ी मांगी है. वहीं कच्छ ज़िले के भुज स्थित एक स्कूल में बकरीद पर नाटक का मंचन किया गया था, जिसका भगवा संगठनों, अभिभावकों और नेताओं ने विरोध किया था. यहां के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है.
कानपुर पुलिस का दावा है कि सड़क पर नमाज़ अदा करने की घटना इसके ख़िलाफ़ जारी सरकारी निर्देश कई बार दिए जाने के बावजूद हुई. बीते अप्रैल माह में ईद के अवसर पर सड़कों पर नमाज़ अदा करने को लेकर कानपुर में 2,000 से अधिक अज्ञात लोगों और एक ईदगाह समिति के ख़िलाफ़ तीन मामले दर्ज किए गए थे.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मुंबई के मीरा रोड पर निजी हाउसिंग सोसाइटी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति पर बकरीद से पहले अपने फ्लैट में बकरियां लाने के कारण कथित तौर पर भीड़ द्वारा हमला किया गया था. इस संबंध में एक केस दर्ज किया गया है. अब दंपति के ख़िलाफ़ महिलाओं पर हमला, शांतिभंग, आपराधिक धमकी के आरोप में एफ़आईआर दर्ज की गई है.
महाराष्ट्र के ठाणे जिले का मामला. मीरा रोड पर एक निजी कॉलोनी में रहने वाले एक मुस्लिम दंपति ने बकरीद पर कुर्बानी के लिए दो बकरियां अपने फ्लैट में रखी थी. कॉलोनी के कुछ लोगों ने कथित तौर पर इसका विरोध कर उनके साथ मारपीट की. पुलिस ने 11 लोगों के ख़िलाफ़ दंगा और छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज किया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 17 जुलाई को पाबंदियों में रियायत की घोषणा करते हुए 21 जुलाई को मनाए जाने वाले बकरीद के मद्देनज़र आवश्यक वस्तुओं के साथ कई अन्य तरह की दुकानों को भी 18, 19 और 20 जुलाई को सुबह सात बजे से रात आठ बजे तक खुले रखने की अनुमति दी है.