उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के शहर कोतवाली का मामला. मृतक समाजवादी पार्टी की नेता के परिवार का आरोप है कि वह थाने में अपने बेटे की गुमशुदगी की शिकायत कराने गई थीं, जहां पुलिस ने उनके साथ अभद्रता की जिससे क्षुब्ध होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली. वहीं पुलिस का दावा है कि धोखाधड़ी के एक मामले में उन्हें पुलिस ने पूछताछ के लिए कोतवाली बुलाया था.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के बदौसा क्षेत्र का मामला है. परिजनों ने बताया कि चार साल पहले उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख रुपये क़र्ज़ लिया था, जिसे वापस नहीं कर पाए थे. दो बेटियों की शादी तय हो गई थी और घर में आर्थिक तंगी थी.
उत्तर प्रदेश हमीरपुर ज़िले के एक गांव में 50 वर्षीय मज़दूर ने पेड़ से फांसी लगा ली. वहीं, बांदा ज़िले के मटौंध क्षेत्र में आर्थिक तंगी से परेशान एक किसान ने अपने घर में कथित रूप से फांसी लगा ली है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. किसान की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पर बैंक का 38 हज़ार रुपये का क़र्ज़ था और कोई काम न मिलने से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला. आरोप है कि उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी. कथित रूप से सरकारी हैंडपंप छू लेने के आरोप में बीते 25 दिसंबर को दबंगों ने दलित परिवार के कुछ सदस्यों की पिटाई की थी. पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वास्तविक घटना छिपाकर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक तंगी के चलते दो प्रवासी मज़दूर समेत पांच लोगों ने फ़ांसी लगाकर आत्महत्या की. वहीं हमीरपुर ज़िले में कर्ज़ वापस न कर पाने से परेशान एक किसान के ख़ुदकुशी करने का मामला सामने आया है.
मामला एटा ज़िले का है. मृतक किसान के भाई ने आरोप लगाया कि बैंककर्मियों ने घर आकर कुर्की की धमकी दी थी. किसान ने चार लाख रुपये का क़र्ज़ लिया था. बांदा जिले में भी एक किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है. उन पर ढाई लाख रुपये का क़र्ज़ था.
एक मामला अतर्रा थाना इलाके का है, वहीं दूसरी घटना मरका थाना क्षेत्र का है. बताया जा रहा है कि दोनों किसानों पर क़र्ज़ था, जिसकी वजह से वे परेशान थे.
मामला चिल्ला थाना क्षेत्र के पलरा गांव का है. चिल्ला थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक सात बीघे की कृषि भूमि गिरवी रखी थी, लेकिन जिस व्यक्ति ने भूमि गिरवी रखी, उसने बदले में उन्हें को पैसा नहीं दिया. संभवतः इसी से परेशान होकर उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की.
पुलिस ने मृतक युवती के चाचा के हवाले से बताया कि युवती की मां यशोदा और भाई विक्रम गुजरात में मज़दूरी करते हैं और वहां से नहीं आ पाए हैं. बबेरू में उनके रिश्ते की बात चल रही थी, लेकिन मां और भाई की वापसी न हो पाने पर रिश्ते को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में लॉकडाउन में एक महीने की अवधि के दौरान कम से कम 16 लोगों द्वारा आत्महत्या करने के मामले सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले में आत्महत्या करने वाले किसान कथित तौर पर परिवार का भरण पोषण न कर पाने के कारण परेशान थे, वहीं लड़की द्वारा आत्महत्या करने की वजह पता नहीं चल सकी है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के अतर्रा और बिसंडा थाना क्षेत्र की घटना. एक मज़दूर दो महीने से काम न मिलने के कारण कथित तौर पर परेशान थे, जबकि एक अन्य मज़दूर गुजरात के वापी शहर से लौटे थे.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले से कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर लोगों के आत्महत्या की ख़बरें लगातार आ रही हैं.
उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में उत्तराखंड से लौटे मज़दूर अंजनी कुमार सिंह ने पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, बांदा ज़िले में ईंट-भट्ठे में काम करने वाला मज़दूर सुखराज प्रजापति ने अपनी जान दे दी है.