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बीते 21 मार्च को बाराबंकी की एमपी-एमएलए अदालत ने मुख़्तार अंसारी की एक अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए बांदा जेल अधीक्षक को निर्देश दिया था कि वह 29 मार्च तक अंसारी को कथित तौर पर ज़हर दिए जाने के मामले में उनके स्वास्थ्य और सुरक्षा के बारे में एक रिपोर्ट पेश करें.
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने 63 वर्षीय मुख़्तार अंसारी की एक अस्पताल में मृत्यु के बाद उनके परिजनों के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं ने इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
बांदा मेडिकल कॉलेज द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार, बांदा की जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी को अचेतावस्था में अस्पताल पहुंचाया गया था, जहां दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. अंसारी के परिजनों द्वारा लगातार जेल में उनकी जान को ख़तरा होने की बात कही जा रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश गैंगस्टर से नेता बने मुख़्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में दिए हैं. उमर ने उनके पिता को उत्तर प्रदेश के बाहर किसी अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग करते हुए जेल परिसर के भीतर उनकी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था. मुख़्तार अंसारी फ़िलहाल बांदा की एक जेल में हैं.
उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद गैंगस्टर और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने उन्हें स्थानांतरित करने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख़ किया है. उन्होंने उत्तर प्रदेश में अपने पिता की जान को ख़तरा बताया है.