तख्तापलट के बाद मुहम्मद यूनुस ने कहा था कि बांग्लादेश को दूसरी आज़ादी मिली है, लेकिन इसके असल लाभार्थी तमाम कट्टरपंथी संगठन बन रहे हैं.
शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश की अल्पसंख्यक राजनीति विभाजित हो गयी है. कुछ हिंदू कहते हैं कि तख्तापलट के दौरान और उसके बाद अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गये हैं, और कुछ दावा करते हैं कि ये आरोप बेबुनियाद हैं और माहौल को भड़काने के लिए हैं.
राणा दासगुप्ता बांग्लादेश के प्रमुख अल्पसंख्यक नेता हैं. द वायर हिंदी से बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि शेख़ हसीना के सत्ता से हटने के बाद 52 ज़िलों में अल्पसंख्यकों पर हमलों और उत्पीड़न की कम से कम 205 घटनाएं हुई हैं.