मोदी सरकार और आरबीआई ने छोटे व्यवसायों को हुए नुकसान के बारे में आधा सच और झूठ बताया था

नोटबंदी और जीएसटी लाए जाने के दो साल बाद केंद्र सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम आकार के उद्योगों पर इन दोनों के प्रभाव के बारे में संसद को गुमराह किया. सरकारी आश्वासनों पर संसदीय समिति ने भ्रामक बयानों और पूरा सच न बताने के लिए सरकार को फटकारा था और दोनों निर्णयों से हुए नुकसान का फैक्ट-चेक भी किया था.

बैंक पिछले 5 वर्षों में बट्टे खाते में डाले गए ऋणों की 81.30 फीसदी राशि वसूलने में विफल रहे: रिपोर्ट

जब कोई कंपनी जानबूझकर बैंक से लिया गया कर्ज़ नहीं चुकाती है तो उस राशि को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है. पिछले पांच वर्षों में बैंकों ने 9.90 लाख करोड़ रुपये की राशि बट्टे खाते में डाली है, जिसमें से केवल 1,85,241 करोड़ रुपये की वसूली हुई है.

दिल्ली: आरबीआई के बाहर चल रही है 2,000 रुपये के नोट बदलने की कालाबाज़ारी

वीडियो: इन दिनों भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) कार्यालयों के बाहर लोग अपने 2,000 रुपये के नोटों को बदलने के लिए कतारों में खड़े नज़र रहे हैं. जब द वायर की टीम नई दिल्ली में आरबीआई कार्यालय पहुंची तो उन्हें ब्लैक में इन नोटों को बदलने के अवैध प्रयास का पता चला. यहां 200 रुपये के अतिरिक्त भुगतान पर इन नोटों को बदले जाने की जानकारी मिली.

सीवीसी को गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार की सर्वाधिक शिकायतें मिलीं

केंद्रीय सतर्कता आयोग की नवीनतम सालाना रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल केंद्र सरकार के कर्मचारियों के खिलाफ प्राप्त कुल 1,15,203 शिकायतों में से 46,643 (41%) गृह मंत्रालय के कर्मचारियों के ख़िलाफ़ थीं. इसके बाद रेलवे को इसके कर्मचारियों की 10,580 और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिलीं.

वित्त वर्ष 2014-15 से बैंकों ने 14.56 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले: केंद्र

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में बताया है कि बट्टे खाते में डाले गए कुल 14,56,226 करोड़ रुपये के ऋणों में से बड़े उद्योगों और सेवाओं के बट्टे खाते में डाले गए ऋण 7,40,968 करोड़ रुपये के थे.

बैंकों को 2,000 रुपये के नोटों की ‘बड़ी जमा राशि’ की सूचना आयकर विभाग को देनी होगी: रिपोर्ट

अगर नकदी जमा सावधि और बचत जमा के लिए 10 लाख रुपये और चालू खाता जमा के लिए 50 लाख रुपये की सीमा से ऊपर हैं, तो बैंकों को इसकी जानकारी आयकर विभाग को मुहैया करानी होगी. 

आरबीआई अधिनियम अडानी समूह पर बैंकों के ऋण जोख़िम का ख़ुलासा करने से रोकता है: केंद्र

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि आरबीआई अधिनियम 1934 की धारा 45ई के प्रावधान केंद्रीय बैंक को क्रेडिट जानकारी का ख़ुलासा करने से रोकते हैं.

भाजपा अपने क़रीबियों के फायदे के लिए एलआईसी का धन इस्तेमाल कर रही है: ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर यह सरकार ज़्यादा दिन रही, तो सारे बैंक बंद हो जाएंगे. जीवन बीमा (निगम) समाप्त हो जाएगा.

ग्राहक को केवाईसी अपडेट करवाने के लिए बैंक जाने की ज़रूरत नहीं: आरबीआई

रिज़र्व बैंक ने कहा है कि अगर खाताधारकों ने वैध दस्तावेज़ जमा करवा दिए हैं और उनके पते में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो केवाईसी अपडेट के लिए उन्हें बैंक जाने की कोई आवश्यकता नहीं है. इससे पहले आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि बैंकों को केवाईसी अपडेट के लिए ग्राहकों पर बैंक आने का दबाव नहीं बनाना चाहिए. 

पिछले पांच वर्षों में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले: वित्त मंत्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में बताया कि पिछले पांच वित्त वर्षों में 10,09,511 करोड़ रुपये की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) को बट्टे खाते में डालते हुए उसे संबंधित बैंक के बही खाते से हटा दिया गया है.

पिछले पांच साल में बैंकों ने 10 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले

वित्त राज्यमंत्री भागवत के. कराड ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान बैंकों द्वारा 1,57,096 करोड़ रुपये के क़र्ज़ बट्टे खाते में डाले गए. मंत्री ने यह भी बताया कि जानबूझकर ऋण न चुकाने वालों की सूची में मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स लिमिटेड सबसे ऊपर है. इसके बाद एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग, कॉनकास्ट स्टील एंड पावर, आरईआई एग्रो लिमिटेड और एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड का स्थान है.

बैंक निजीकरण और क्रिप्टो विनियमन विधेयक के संसद में पेश न होने की क्या वजह है

सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी विनियमन और बैंक निजीकरण पर प्रमुख वित्तीय क्षेत्र के विधेयकों को इसलिए भी स्थगित कर दिया है कि बाज़ार परिदृश्य को क़ानून लाने के लिए अनुकूल नहीं देखा जा रहा है. इसके अलावा कोरोना महामारी के आर्थिक प्रभाव और ओमीक्रॉन स्वरूप के बढ़ते ख़तरे भी महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्होंने वित्तीय क्षेत्र के विधेयकों को स्थगित करने के सरकार के निर्णय को प्रभावित किया है.

2020-21 में सरकारी उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 32,835 करोड़ रुपये जुटाए

अगले वित्त वर्ष में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की सरकार की योजना है. इसके अलावा एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, एनआईएनल और शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण की प्रक्रिया भी दूसरे चरण में पहुंच गई है. इन उपक्रमों के लिए सरकार को कई रुचि पत्र मिले हैं.

सरकारी कंपनियों के विनिवेश के बाद निजी क्षेत्र को आरक्षण लागू नहीं करना होगा: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र का मानना है कि सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के बाद नौकरी में आरक्षण लागू करने की न तो जरूरत है और न ही यह क़ानूनी रूप से संभव है. हालांकि सरकार ने कहा है कि वे इन कंपनियों में एससी, एसटी, ओबीसी समेत पूर्ववर्ती कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

बैंक यारी-दोस्ती में कर्ज़ न बांटें, उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान दें: मुख्य आर्थिक सलाहकार

फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा कि 1990 के शुरुआती वर्षों में बैंकिंग को कमज़ोर गुणवत्ता के कर्ज़ देने की समस्या से जूझना पड़ा. ख़ासतौर पर बड़ी राशि के कर्ज़ गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना पूंजीवादी मित्रों को दिए गए, जिससे समस्या बढ़ गई.