गौहाटी हाईकोर्ट ने नागांव ज़िले में एक घटना के आरोपी के मकान को गिराए जाने की घटना का स्वतः संज्ञान लिया था. सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने पुलिस को फटकारते हुए कहा एजेंसी भले ही किसी गंभीर मामले की जांच क्यों न कर रही हो, किसी के घर पर बुलडोज़र चलाने का प्रावधान किसी आपराधिक क़ानून में नहीं है.
असम पुलिस के अनुसार, नागांव ज़िले में भीड़ को थाने में हिंसा के लिए उकसाने के मुख्य आरोपी आशिकुल इस्लाम ने उन्हें पुलिस वाहन से हथियारों की निशानदेही के लिए ले जाने के दौरान भागने की कोशिश की और पीछे चल रहे एस्कॉर्ट वाहन की चपेट में आने उनकी मौत हो गई.
ये पांचों उन छह लोगों में से हैं, जिन पर पहले ही कथित तौर पर पुलिस हिरासत में हुई सफीकुल इस्लाम की मौत के विरोध में नागांव ज़िले के बटाद्रवा थाने में आग लगाने का आरोप लगाया गया है. रविवार को पुलिस ने थाने में आगजनी के आरोपियों को 'अतिक्रमणकारी' बताते हुए उनके घरों को ध्वस्त कर दिया था. इनमें मृतक सफीकुल का घर भी शामिल है.
एक मछली व्यापारी सफीकुल इस्लाम की कथित तौर पर हिरासत में मौत के बाद भीड़ ने बीते 21 मई को असम के नगांव ज़िले के बटाद्रवा थाने आग लगा दी थी. रविवार को प्रशासन ने सलोनाबारी गांव में अतिक्रमण अभियान चलाकर उन आरोपियों के घर गिरा दिए, जो कथित तौर पर आगज़नी में शामिल थे. पुलिस ने हिरासत में मौत से भी इनकार किया है. हालांकि मृतक के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि पुलिस ने उसकी रिहाई के