द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने शिकायत की है कि उन्हें ऑनलाइन जान से मारने की धमकी मिली थी और कूरियर के माध्यम से धर्म विशेष के लिए प्रतिबंधित मांस उनके घर भेजा गया था. उन्होंने इसके लिए 16 ट्विटर हैंडल को जिम्मेदार बताया था.
कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल ‘द फाइल’ के संस्थापक संपादक जी. महंतेश को बेंगलुरु पुलिस ने नोटिस जारी कर पोर्टल पर प्रकाशित एक ख़बर के लिए हासिल किए गए दस्तावेज़ों के स्रोत का नाम और विवरण बताने को कहा है. इस क़दम की अन्य न्यूज़ पोर्टल ने यह कहते हुए निंदा की है कि अपने स्रोत का ख़ुलासा करना पत्रकारिता की नैतिकता के ख़िलाफ़ है.
पुलिस ने बताया कि 47 वर्षीय व्यवसायी ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें कर्नाटक के पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अरविंद लिंबावली सहित छह लोगों को आत्महत्या करने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है. इससे पहले भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा का नाम एक ठेकेदार की आत्महत्या मामले में आया था, जिसके बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
दिल्ली में मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो 28 अगस्त को होना था. विश्व हिंदू परिषद ने पुलिस आयुक्त से शो को रद्द करने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि फ़ारूक़ी 'अपने शो में हिंदू देवताओं का मजाक उड़ाते हैं.' इससे पहले इसी महीने उनके बेंगलुरु में होने वाले शो को भी अनुमति न मिलने के बाद रद्द कर दिया गया था.
‘जय श्री राम सेना’ नाम के संगठन ने आरोप लगाया था कि स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने अपने कार्यक्रमों में भगवान राम एवं देवी सीता के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणियां करके हिंदुओं की भावनाओं को आहत किया है. नवंबर 2021 में भी फ़ारूक़ी के बेंगलुरु में होने वाले एक शो को रद्द किया गया था.
मामला बेंगलुरु का है, जहां तौसीफ़ पाशा नाम के एक युवक को पिछले सप्ताह झगड़ा करने के आरोप में थाने ले जाया गया था. उनका आरोप है कि वहां पुलिस ने उन्हें बर्बर तरीके से पीटा, उनकी दाढ़ी काट दी और उनकी रिहाई के लिए पैसे मांगे.
‘हिंदुत्ववादी’ संगठनों की अतीत की अलोकतांत्रिक करतूतों के चलते उनकी कार्रवाइयां अब किसी को नहीं चौंकातीं. लेकिन एक नया ट्रेंड यह है कि जब भी वे किसी कलाकार के पीछे पड़ते हैं, तब लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाली सरकारें, किसी भी पार्टी या विचारधारा की हों, कलाकारों की अभिव्यक्ति की आज़ादी के पक्ष में नहीं खड़ी होतीं, न ही उन्हें संरक्षण देती हैं.
भाजपा और आरएसएस नहीं मानते कि मुसलमानों और ईसाईयों को अपने तरीके से रोज़ी कमाने और अपनी तरह से धर्म का पालन करने का हक़ है. लेकिन इस बुनियादी संवैधानिक अधिकार को न मानने और इसकी मनमानी व्याख्या की छूट पुलिस और प्रशासन को नहीं है. अगर वे ऐसा कर रहे हैं तो वे वर्दी या कुर्सी के योग्य नहीं हैं.
बेंगलुरु के वरथुर पुलिस स्टेशन ने 22 वर्षीय युवक सलमान को बैटरी चोरी के आरोप में हिरासत में लिया था. पीड़ित ने आरोप लगाया है कि इस दौरान उन्हें बर्बर तरीके से पीटा गया, जिसके कारण उन्हें अपना एक हाथ गंवाना पड़ा.
कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी ने बताया कि बीते दो महीने में यह उनका 12वां शो है जिसे आयोजकों और दर्शकों को दी गई धमकियों के बाद रद्द किया गया है. इससे पहले गोवा, छत्तीसगढ़ और मुंबई में उनके शो रद्द किए गए हैं. इस बार बेंगलुरु पुलिस ने शो के आयोजकों को पत्र लिखकर फ़ारूक़ी को 'विवादित' शख़्सियत बताया है.
दिल्ली पुलिस ने युवा पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को किसानों के आंदोलन का समर्थन करने वाले टूलकिट को साझा करने में कथित भूमिका के चलते 14 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ़्तार किया था. उन पर 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में राजद्रोह तथा आपराधिक साज़िश की धाराएं लगाई गई थीं.
टूलकिट मामले में गिरफ़्तार हुईं जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि ने रिहाई के बाद पहली बार जारी बयान में कहा कि विचार मरते नहीं हैं. कितना ही समय क्यों न लगे सच सामने आ ही जाता है.
किसान आंदोलन संबंधी टूलकिट साझा करने के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा राजद्रोह क़ानून के तहत गिरफ़्तार युवा कार्यकर्ता दिशा रवि को ज़मानत देते हुए दिल्ली की अदालत ने कई कड़ी टिप्पणियां की हैं. अदालत ने यहां तक कहा कि सरकारों के ग़ुरूर पर लगी ठेस के लिए किसी पर राजद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता.
किसानों के प्रदर्शन संबंधी टूलकिट साझा करने के मामले में गिरफ़्तार दिशा रवि को ज़मानत देते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि मामले की अधूरी और अस्पष्ट जांच को देखते हुए कोई ठोस कारण नहीं है कि बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड की किसी 22 साल की लड़की के लिए ज़मानत के नियम को तोड़ा जाए.