वीडियो: मिसाइल इज़रायल पर चलाई गई और मौत एक भारतीय की हुई. युद्ध यूक्रेन और रूस के बीच चल रहा है और युद्ध के मैदान में मजबूरन पहुंचे दो भारतीय भी जान गंवा चुके हैं. कैसे ये लोग युद्धग्रस्त इलाके में पहुंचे? क्या मोदी सरकार के दौर में आर्थिक बदहाली से झेल रहे भारतीय इतने मजबूर हो चुके हैं कि आजीविका के लिए उन्हें जंग से जूझ रहे इलाकों में रहने से गुरेज़ नहीं है?
सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.
फ़िलिस्तीन और इज़रायल की ख़ातिर, जो ज़िंदा हैं उनकी ख़ातिर और जो मारे गए उनके नाम पर, हमास के हाथों बंधक बनाए गए लोगों की ख़ातिर और इज़रायली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनियों की ख़ातिर, सारी इंसानियत की ख़ातिर, गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद होना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गाज़ा पट्टी में तत्काल मानवीय संघर्ष विराम का आह्वान करते हुए कहा है कि हर गुज़रते घंटे के साथ सामने आ रही तबाही युद्ध विराम की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना देती है. इस दौरान उन्होंने हमास द्वारा बंधक बनाए गए 200 से अधिक इज़रायलियों की रिहाई का आह्वान भी दोहराया.
वीडियो: इज़रायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष का इतिहास बहुत पुराना है. कैसे इज़रायल और फिलिस्तीन अस्तित्व में आए, दोनों देशों का 2000 साल का इतिहास क्या है, कैसे यहूदियों को पनाह देने वाले फिलिस्तीन को यहूदियों के राष्ट्र इज़रायल ने ही उजाड़ दिया, बता रहे हैं द वायर के अजय कुमार.
बताया गया है कि अस्पताल में मरने वालों की संख्या और बढ़ने की संभावना है. अब तक के आंकड़े 1982 में लेबनान के सबरा और शतीला में इज़रायली सेना और उसके सहयोगियों द्वारा किए गए नरसंहार के बाद किसी एक घटना में मारे गए फिलिस्तीनियों की सबसे बड़ी संख्या है.
गाज़ा में इज़रायली सेना की कार्रवाई के बीच इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ये बस शुरुआत है. वे गाजा स्थित आतंकवादी समूह हमास को 'तबाह' कर देंगे.
गाज़ा से होने वाले फिलीस्तीनी हमलों का इज़रायली सरकारों ने लगातार जो एकमात्र समाधान ढूंढा है, वो नाकाफ़ी है- कि अगर वो ज़मीन के रास्ते आए, तो दीवार बना देंगे; अगर रॉकेट दागे, तो इंटरसेप्टर बना लेंगे; अगर हमारे कुछ लोगों को मारा गया, तो उनके कइयों को मार डालेंगे. ऐसे ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा.
भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा किया गया, जिसमें अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस द्वारा राहुल गांधी को कठपुतली बनाकर चलाते हुए दिखाया गया है. सोरोस की यह तस्वीर जो एक वायरल दक्षिणपंथी यहूदी विरोधी मीम है. इस पोस्टर की आलोचना करते हुए इसे घृणात्मक और विकृत बताया गया है.
जितनी आक्रामक तरीके से सत्ताधारी पार्टी की तरफ से एक कारोबारी दिग्गज की हिमायत की कोशिश की जा रही है, आख़िर वह समूह अचानक पार्टी के लिए इतने महत्वपूर्ण कैसे हो गया?
इज़रायल सरकार ने बीते जनवरी में न्यायपालिका में सुधार की योजना का ऐलान किया था. न्यायिक सुधार सरकार को जजों का चयन करने का अधिकार देंगे और क़ानूनों को ख़त्म करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति को सीमित कर देंगे. इसके ख़िलाफ़ इज़रायल में प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है.
इज़रायल में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है. 2019 में नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से इस देश में राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है. उन्हें पिछले साल सत्ता से हटना पड़ा था.
इज़रायली टेक कंपनी एनएसओ ग्रुप ने ‘कैल्कलिस्ट’ अख़बार के ख़िलाफ़ मानहानि का मुकदमा दायर कर 3,10,000 डॉलर के हर्जाने की मांग की है. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि स्पायवेयर का इस्तेमाल राजनीतिक दलों के नेताओं, प्रदर्शनकारियों और यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, उनके बेटे, क़रीबी लोगों की जासूसी के लिए किया गया था.
इज़रायल के एक समाचार पत्र ‘कैलकलिस्ट’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि स्पायवेयर का इस्तेमाल पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बेटे एवनर, दो संचार सलाहकारों और मामले में एक अन्य प्रतिवादी की पत्नी के ख़िलाफ़ किया गया. वे लोग उन कई प्रमुख हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें स्पायवेयर के ज़रिये निशाना बनाया गया. उनमें प्रमुख कारोबारी, कैबिनेट मंत्रालयों के पूर्व निदेशक, मेयर और प्रदर्शन के आयोजक शामिल थे.
द न्यूयॉर्क टाइम्स के लिए काम करने वाले इज़रायल के खोजी पत्रकार रॉनेन बर्गमैन ने द वायर से बातचीत में कहा कि भारत के साथ हुए सौदे की शर्तों के अनुसार यहां की ख़ुफ़िया एजेंसियां एक बार में पचास फोन को स्पायवेयर हमले का निशाना बना सकती थीं.