एक रिपोर्ट में बताया गया था कि अज्ञात ह्विसिलब्लोअरों ने भारतीय रिज़र्व बैंक और इंडसइंड बैंक प्रबंधन को इसकी सहायक इकाई बीएफआईएल द्वारा दिए गए इस तरह के ऋण के बारे में एक पत्र लिखा है, जिसमें कुछ शर्तों के साथ ऋण के नवीनीकरण का आरोप लगाया गया है. इस तरह जहां मौजूदा ग्राहक अपना क़र्ज़ नहीं चुका पा रहे थे, वहां उन्हें नया ऋण दिया गया.