भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर अपने उन उद्योगपति दोस्तों की मदद करने के लिए एमएसपी पर क़ानून नहीं बनाने का आरोप लगाया, जो कम दरों पर किसानों से फसल ख़रीदते हैं और उच्च कीमतों पर प्रसंस्कृत उत्पाद बेचते हैं.
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान कुछ अराजक तत्वों ने भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पर स्याही फेंक दी थी. पुलिस ने इस सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. टिकैत ने इस घटना के लिए पुलिस को ज़िम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया है कि उन पर हमला भाजपा नीत राज्य सरकार की मिलीभगत से किया गया था.
कृषि क़ानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सदस्यों में से एक अनिल घानवत ने यह भी कहा कि कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी गारंटी बनाने और एमएसपी पर सभी कृषि फसलों की खरीद सुनिश्चित करने की किसानों की मांग ‘असंभव है और लागू करने योग्य नहीं है.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तीनों कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चुनौती लंबित है, फिर भी न्यायालय विरोध के अधिकार के विरुद्ध नहीं है लेकिन अंततः कोई समाधान निकालना होगा. इस पर किसान संगठनों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि रोड को किसानों द्वारा नहीं, बल्कि पुलिस द्वारा ब्लॉक किया गया है.
लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए आठ लोगों में शामिल भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिजनों ने कहा कि मीडिया और नेता सिर्फ पीड़ित किसानों के घर जा रहे हैं और उन्हीं की पीड़ा दिखा रहे हैं. परिवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपने यहां पर आमंत्रित किया है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे आशीष मिश्रा द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दो आरोपियों लव कुश और आशीष पांडे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया गया था. पुलिस ने बताया कि घटनास्थल की जांच में उन्हें कारतूस के खोखे मिले हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए आठ लोगों में 35 वर्षीय पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल हैं. परिवार का आरोप है कि प्राथमिक उपचार न मिलने के चलते पत्रकार की मौत हुई है. उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवज़े और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा का कुछ दिनों पहले किसानों को दी गई चेतावनी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें यह कहते सुना जा सकता है कि ‘सामना करो आकर, हम आपको सुधार देंगे, दो मिनट लगेगा केवल.’ इसी के बाद लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई है.
वीडियो: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश से लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कराने को कहा है. साथ ही घटना में जिन किसानों की मौत हुई, उनके परिवारों को 45-45 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है. घायल किसानों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करने की अनुमति देने की मांग की गई है.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रविवार को भाजपा किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. विपक्षी दलों का आरोप है कि वे भाजपा के समर्थकों से केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों को विरोध कर रहे किसानों पर हमले के लिए कह रहे थे. वहीं, एसकेएम ने कहा कि सरकार ‘हत्या के इरादे’ से काम कर रही है, जबकि किसान आंदोलन ने स्पष्ट रूप से शांति और अहिंसा के मूल्यों को बनाए रखा है.
सुप्रीम कोर्ट यूपी गेट पर दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर बाधित की गई सड़क खोलने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने कहा कि केंद्र व संबंधित राज्य सरकारों को इसका समाधान निकालना चाहिए. उधर, प्रदर्शनकारी किसान बार-बार इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि नाकाबंदी पुलिस बैरिकेड्स के चलते है. उन्होंने विरोध स्थल को ऐसे व्यवस्थित किया है कि यातायात सुचारू रूप से चल सके.
वीडियो: संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 27 सितंबर को ‘भारत बंद’ का आयोजन किया था. द वायर के याक़ूत अली और सिराज अली ने इसी दिन हरियाणा के बहादुरगढ़ रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर बैठे किसानों से बात की.