तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि तीन नए आपराधिक क़ानून लागू करने से पहले राज्यों को उनके विचार व्यक्त करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया और इन्हें विपक्षी दलों की भागीदारी के बिना संसद द्वारा पारित कर दिया गया.
संसद के शीतकालीन सत्र में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम पारित किए गए थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 25 दिसंबर को तीनों क़ानूनों पर अपनी सहमति दे दी थी. केंद्र ने फ़िलहाल भारतीय न्याय संहिता के तहत 'हिट एंड रन' मामलों से संबंधित प्रावधान को रोक दिया है.