पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती शनिवार को उस समय विवादों में आ गए जब सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कथित तौर पर उन्हें विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त क़दम न उठाने के लिए शिक्षकों के एक वर्ग को ज़िम्मेदार ठहराते हुए देखा गया.
पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में विद्युत चक्रवर्ती के अक्टूबर 2018 से पदभार संभालने के बाद से यहां शिक्षक और छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके पद संभालने के बाद नवंबर 2019 से 22 स्टाफकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है, जिनमें 11 फैकल्टी के सदस्य और 11 ग़ैर-शिक्षण कर्मचारी हैं. वहीं, 150 से अधिक कारण बताओ नोटिस जारी किए जा चुके हैं.
पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी द्वारा परिसर में अवैध क़ब्ज़े हटाने के लिए बनाई गई सूची में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन की पारिवारिक संपत्ति को भी शामिल किया है. सेन ने इससे इनकार करते हुए कुलपति के केंद्र सरकार के इशारे पर काम करने की बात कही है.
पश्चिम बंगाल की विश्व भारती यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने वाइस चांसलर विद्युत चक्रवर्ती द्वारा गणतंत्र दिवस पर दिए गए संबोधन की वीडियो रिकॉर्डिंग की थी. संबोधन में वे कह रहे थे कि नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वाले जिस संविधान की प्रस्तावना पढ़ रहे हैं वह अल्पसंख्यक मतों द्वारा तैयार किया गया था लेकिन अब यह हमारे लिए वेद बन गया है. अगर हमें प्रस्तावना पसंद नहीं हैं तो हम मतदाता इसे बदल देंगे.
पश्चिम बंगाल के विश्व भारती यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर विद्युत चक्रवर्ती पर आरोप है कि उन्होंने एक रैली में कहा था कि कुछ छात्रों को सबक सिखाने की जरूरत है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.