शरद यादव तकरीबन चार दशक के लंबे राजनीतिक दौर के महत्वपूर्ण किरदार और गवाह रहे हैं. काश, उन्होंने अपनी कोई सुसंगत आत्मकथा लिखी होती, जिससे राजनीति की नई पीढ़ी, ख़ासकर समता, सेकुलरिज़्म और सामाजिक न्याय के लिए लड़ रहे युवाओं को सीखने को मिलता कि उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
शरद यादव एक प्रमुख समाजवादी नेता थे. वह तीन बार राज्यसभा के सदस्य रहे थे और सात बार लोकसभा के लिए चुने गए थे. शरद यादव 1989 में वीपी सिंह नीत सरकार में मंत्री थे. उन्होंने 90 के दशक के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में भी मंत्री के रूप में कार्य किया था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ केवल जातियों को सूचीबद्ध किया जाएगा, उप-जातियों को नहीं. बिहार की राजनीति में जाति-आधारित जनगणना एक प्रमुख मुद्दा रहा है. नीतीश की पार्टी जदयू और महागठबंधन के सभी घटक लंबे समय से मांग कर रहे थे कि यह जल्द से जल्द किया जाए.
महागठबंधन सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बुधवार को राजद नेताओं के यहां हुई सीबीआई छापेमारी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग वो ‘तीन जमाई’ हैं, जिन्हें भाजपा उन राज्यों में भेजती है जहां वह सत्ता में नहीं है.
बिहार का हालिया घटनाक्रम 2024 लोकसभा चुनाव से पहले देश की राजनीति को बदलने का माद्दा रखता है. आंकड़ों की रोशनी में देखें तो भाजपा के पास इस सात दलीय महागठबंधन को लेकर चिंतित होने की हर वजह है.
नीतीश कुमार के भाजपा का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने पर सुशील मोदी ने कहा कि वे एनडीए से निकलने के लिए सफ़ेद झूठ बोल रहे हैं. इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा था कि नीतीश कुमार ‘आदतन धोखेबाज़’ हैं.
जदयू ने बीते पांच अगस्त को अपने पूर्व प्रमुख आरसीपी सिंह पर भूमि ख़रीद में ‘भारी अनियमितताओं’ का आरोप लगाया था. इस संबंध में बिहार जदयू के अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह को पत्र लिखकर उनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस्तीफ़ा देने के बाद आरसीपी सिंह ने पार्टी को डूबता जहाज बताया है.
एआईएमआईएम के चार विधायकों के राजद में शामिल हो जाने पर 243 सदस्यीय राज्य विधानसभा में मुख्य विपक्षी दल राजद के विधायकों की संख्या बढ़कर अब 80 हो गई है, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) के साथ राज्य में सत्ता साझा कर रही भाजपा के विधायकों से तीन अधिक है.
बिहार सरकार में मंत्री मुकेश साहनी की विकासशील इंसान पार्टी के सभी तीनों विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद भाजपा विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. उधर, मुकेश साहनी का कहना है कि उन्हें मंत्रिमंडल में रखना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का विशेषाधिकार है. वे चाहें तो बर्ख़ास्त कर दें.
74 वर्षीय शरद यादव पिछले दिनों स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे. उनके इस क़दम को उनके सहयोगियों के पुनर्वास के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अलग होने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी बनाई थी, लेकिन उसका प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा.
बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने इससे पहले आरोप लगाया था कि उनके द्वारा तैयार की गई विभागीय अधिकारियों के तबादले एवं पदस्थापन की सूची तीन दिनों से एक विभागीय अधिकारी लेकर बैठे हैं और उसे जारी नहीं कर रहे हैं. मंत्री के आरोपों को लेकर समाज कल्याण विभाग के अधिकारी टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके.
केंद्र में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा के बीच जदयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने यह बयान दिया है. इससे पहले मई 2019 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनने से इनकार करते हुए जदयू ने समानुपातिक भागीदारी की मांग की थी.
सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले के तीन विभिन्न मामलों में दिसंबर 2017 से जेल में बंद राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को न्यायिक हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया है. 73 वर्षीय लालू यादव वर्तमान में दिल्ली के एम्स में भर्ती हैं.
लालू प्रसाद यादव देवघर कोषागार से लगभग 89 लाख रुपये की राशि के गबन के आरोप में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा 23 दिसंबर 2017 को दोषी ठहराए जाने के बाद से जेल में थे. उनके रिहा हो जाने की संभावना है, क्योंकि चारा घोटाले के अन्य तीन मामलों में उन्हें पहले ही ज़मानत मिल चुकी है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के जदयू में विलय से पहले ही बीते शुक्रवार को दल में फूट पड़ गई थी और 30 से अधिक राज्य और ज़िला स्तर के पदाधिकारी राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए थे.