राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा भाजपा ने पहले राम का नाम लेकर, उनकी जन्मभूमि को आधार बनाकर अपनी पकड़ मजबूत की, और फिर राजनीतिक सत्ता पाई. अब रामनवमी उसी सत्ता का शक्ति-प्रदर्शन मात्र बनकर रह गई है.
ईसाई समुदाय और संस्थानों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह मंत्रालय से कहा है कि वह संबंधित राज्यों से ईसाइयों पर हमलों से जुड़े मामलों में की गई कार्रवाई का डेटा एकत्र करे. यह डेटा कम से कम आठ राज्यों से एकत्र किया जाना है.
वीडियो: मोदी सरकार ने जांच एजेंसियों के ज़रिये इस बार लालू यादव और तेजस्वी यादव के परिवार को निशाना बनाया है. नौकरी के बदले ज़मीन मामले में ईडी ने लालू यादव के परिवार से जुड़े तकरीबन 24 जगहों पर छापा मारा है. इसमें लालू यादव के बेटे से लेकर बहू और बेटी के घर से लेकर समधी तक के घर छापे मारे गए हैं. इसी मुद्दे पर बिहार के आम लोगों से बात.
विशेष रिपोर्ट: बीते दिनों तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर कथित हमले की अफ़वाह फैलाने के पीछे ख़ुद को पत्रकार बताने वाले यूट्यूबर मनीष कश्यप का नाम आया है. पड़ताल बताती है कि इस मामले में कई एफआईआर में नामजद मनीष इससे पहले भी कई मामलों में आरोपी हैं और उन्हें भाजपा, संघ नेताओं का समर्थन मिलता रहा है.
लालू प्रसाद यादव की वे बेटियां, जो राजनीति में नहीं हैं, भी ज़मीन के बदले नौकरी के कथित घोटाले को लेकर केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में आ गई हैं, लेकिन उनके बड़े बेटे तेज प्रताप यादव अब तक इनके निशाने पर नहीं हैं. बिहार के राजनीतिक विश्लेषक इसे महज़ संयोग मानने को तैयार नहीं हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा संसद में पेश राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के बाद पिछले पांच साल में महाराष्ट्र में 76, मध्य प्रदेश में 49, उत्तर प्रदेश में 41, तमिलनाडु में 40, बिहार में 38, राजस्थान में 32, पंजाब में 31, पश्चिम बंगाल में 30 और दिल्ली में 29 लोगों की मौत हिरासत में हुई है.
वीडियो: उत्तर भारत से लेकर दक्षिण भारत तक के विपक्षी नेताओं से केंद्रीय जांच एजेंसियों की पूछताछ और कार्रवाई को लेकर द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन समेत वरिष्ठ पत्रकारों- नलिन वर्मा और रमाकांत चंदन से चर्चा कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने दावा किया है कि 2024 के आम चुनावों से पहले एकजुट विपक्ष बनाने के उनके बयानों के कारण राज्य में प्रवासी श्रमिकों पर हमले और धमकी से जुड़ीं फ़र्ज़ी ख़बरें और अफ़वाहें फैलाई गईं. उन्होंने कहा कि उत्तर भारतीय राज्यों के भाजपा सदस्यों ने बुरी नीयत से ऐसा किया.
बिहार के छपरा ज़िले में हुई घटना. मृतक की पहचान सीवान ज़िले के हसनपुर गांव के रहने वाले 56 वर्षीय नसीम क़ुरैशी के रूप में हुई है. मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया है.
तमिलनाडु में बिहारी मज़दूरों पर हमलों की अफ़वाह को पूरे देश में फैलाने वाले मुख्य रूप से भाजपा के नेता थे. एक नहीं, कई राज्यों के. इसका नुक़सान इसीलिए बहुत गहरा है कि वह देश के ही दो हिस्सों में विभाजन की साज़िश है. भाजपा के इस कृत्य को सबसे घृणित अपराधों की श्रेणी में रखा जाना चाहिए.
तमिलनाडु पुलिस ने कहा कि डीएमके के थिरुनिनरावुर आईटी विंग के सूर्यप्रकाश ने शिकायत दर्ज कराई है कि ओपइंडिया डॉट कॉम वेबसाइट झूठी ख़बरें फैला रही है और तमिलनाडु में रह रहे अन्य राज्यों के श्रमिकों में भय की भावना पैदा कर रही है.
वीडियो: बीते सप्ताह कई मीडिया संस्थानों ने तमिलनाडु में बिहार के प्रवासियों पर हमले की ख़बरें चलाईं. सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें श्रमिकों पर हमले का दावा किया गया. तमिलनाडु पुलिस ने इन तमाम ख़बरों और वीडियो का खंडन किया है. इस पूरे घटनाक्रम के बारे में बता रहे हैं अलीशान जाफ़री.
फैक्ट-चेक: दैनिक भास्कर, टाइम्स नाउ नवभारत और टीवी 9 भारतवर्ष ने बिहार के जमुई के एक शख़्स पवन यादव की मौत को तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हो रहे कथित हमलों से जोड़ा, साथ ही पुलिस के इसे आपसी झगड़ा बताए जाने के बयान को झूठा बताया. हालांकि, बाद में दैनिक भास्कर की वेबसाइट से यह ख़बर डिलीट कर दी गई.
बीते दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों के साथ हिंसा हो रही है. दैनिक भास्कर और भाजपा प्रवक्ता प्रशांत पटेल उमराव ने भी इन दावों के समर्थन में ख़बर और पोस्ट किए थे. पुलिस ने मोहम्मद तनवीर नाम के एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया है.
सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के श्रमिकों पर हमले किए गए हैं, हालांकि तमिलनाडु पुलिस ने वीडियो को झूठा और शरारतपूर्ण क़रार दिया है.