बिहार के बेगूसराय ज़िले में बूढ़ी गंडक नदी पर 13 करोड़ रुपये की लागत से 206 मीटर लंबा यह पुल बनाया गया था. इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ, क्योंकि पुल को औपचारिक रूप से जनता के लिए खोला जाना बाकी था.
एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से छपरा से सटे सिवान ज़िले में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की मौत हो गई. बीते दिनों ज़हरीली शराब पीने से छपरा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी.
बिहार के एक संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें एसआईटी द्वारा ज़हरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र जांच के साथ ही राज्य सरकार को पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा देने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. बिहार के छपरा ज़िले में हुई शराब त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया है.
बिहार के छपरा ज़िले ज़हरीली शराब पीने की वजह से बीते कुछ दिनों में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर विभिन्न नेताओं ने उन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बिहार में शराब का अवैध कारोबार एक ‘समानांतर अर्थव्यवस्था’ बन गया है.
बिहार के छपरा ज़िले का मामला. बीते अगस्त महीने में भी इस ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी. नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.
जदयू के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा का विरोध करने वाले सभी दलों में से अधिकतर एक साथ आ जाएं तो भी प्रचंड बहुमत की गारंटी होगी. विचार किसी तथाकथित तीसरे मोर्चे का नहीं है. यह मुख्य मोर्चा होगा.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की नवंबर के आखिरी दिनों की रिपोर्ट में बिहार के मोतिहारी का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 402 था. यह स्थिति लगभग महीने भर से बनी हुई है. ऐसे शहर में, जहां उद्योग के नाम पर किसी ज़माने में रही चीनी मिल के भग्नावशेष ही दिखते हैं, प्रदूषण का यह स्तर गंभीर सवाल खड़े करता है.
स्मृति शेष: बीते दिनों गुज़रे इतिहासकार सुरेंद्र गोपाल अपने समूचे कृतित्व में वोल्गा से गंगा को जोड़ने वाली सामाजिक-सांस्कृतिक-आर्थिक कड़ियों की पड़ताल करते रहे. आने वाले वर्षों में जब भी भारत, रूस और मध्य एशिया के ऐतिहासिक संबंधों की चर्चा होगी, उनका काम अध्येताओं को राह दिखाने का काम करेगा.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के नतीजों में उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है, वहीं खतौली सीट पर राष्ट्रीय लोक दल के उम्मीदवार जीते हैं. छत्तीसगढ़ की भानुप्रतापपुर और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की है, जबकि ओडिशा की पदमपुर सीट पर बीजू जनता दल को सफलता मिली है.
देश के पांच राज्यों की छह विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के शुरुआती रुझानों में उत्तर प्रदेश की दो विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर भाजपा पिछड़ गई है. वहीं, बिहार की कुढ़नी सीट पर जदयू, छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर में कांग्रेस, ओडिशा के पदमपुर में बीजद और राजस्थान की सरदारशहर सीट पर कांग्रेस आगे है.
मामला नवादा ज़िले के एक गांव का है. आरोपी कथित तौर पर बच्ची को चॉकलेट देने का वादा कर अपने पॉल्ट्री फॉर्म ले गया और उसके साथ बलात्कार किया. इसे लेकर पंचायत ने यह कहते हुए कि वह बलात्कार का दोषी नहीं है, उसे बच्ची को एक सुनसान जगह पर ले जाने की सज़ा दी.
बिहार में खगड़िया ज़िले के अलौली प्रखंड के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मामला. ज़िलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. राष्ट्रीय महिला आयोग ने नसबंदी करने वाले डॉक्टरों के लाइसेंस रद्द करने की मांग की है.
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के सहायक ख़ुफ़िया ब्यूरो के साथ बैठक की थी, जिसमें अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे प्रत्येक राज्य में अवैध प्रवासियों की पहचान करें और उन्हें गिरफ़्तार करके उनके देश निर्वासित करें.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को बरक़रार रखने के निर्णय पर कहा कि समय आ गया है कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा बढ़ाई जाए. यह सीमा ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उनकी जनसंख्या के अनुपात में अवसरों से वंचित कर रही है.