पश्चिम बंगाल में पहले वाम हिंसा का बोलबाला था, वही संस्कृति तृणमूल ने अपनाई. तृणमूल ने वाम हिंसा का सामना किया था, पर उसकी जगह अब उसने तृणमूल हिंसा स्थापित कर दी. दल भले बदल गए, लेकिन हिंसा बनी हुई है.
मामला बीरभूम ज़िले का है, जहां टीएमसी के एक स्थानीय नेता ने कहा कि जो भाजपा के लिए काम कर रहे थे वे वायरस से संक्रमित थे, उन्हें वापस लेने से पहले यह सुनिश्चित करना पड़ा कि वे संक्रमणरहित हो जाएं. वहीं, भाजपा के जिला अध्यक्ष ने दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं को टीएमसी में शामिल करने के लिए ज़बरदस्ती की गई.
कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल से भाजपा सांसद जॉन बारला द्वारा उत्तर बंगाल के ज़िलों को मिलाकर अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की गई थी. भाजपा सांसद सौमित्र ख़ान के विचारों से ख़ुद को अलग करते हुए भाजपा प्रवक्ता शौमिक भट्टाचार्य ने कहा कि पार्टी बंगाल के विभाजन की मांग का समर्थन नहीं करती है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि पार्टी जॉन बारला और सौमित्र ख़ान के विचारों का समर्थन नहीं करती है.
बीरभूम ज़िले के लाभपुर, बोलपुर और सैंथिया से लेकर हुगली के धनियाखली में भाजपा कार्यकर्ताओं ने रिक्शा पर लाउडस्पीकर लगाकर ऐलान किया कि उन्हें भाजपा को लेकर ग़लतफ़हमी हो गई थी और अब वे टीएमसी में जाना चाहते हैं. भाजपा का आरोप है कि टीएमसी के डराने-धमकाने के चलते कार्यकर्ता ऐसा कर रहे हैं.