स्टेट ऑफ इंडियन बर्ड्स (एसओआईबी) रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अध्ययन की गई 338 पक्षी प्रजातियों में से 60 प्रतिशत में दीर्घकालिक गिरावट देखी गई है. वहीं, वर्तमान वार्षिक प्रवृत्ति के लिए मूल्यांकन की गई 359 प्रजातियों में से 40 प्रतिशत में गिरावट दर्ज हुई है.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल के प्रभावित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी है. भारत द्वारा 30 सितंबर, 2020 को बर्ड फ्लू से देश को मुक्त घोषित करने के कुछ महीने बाद यह बीमारी फिर से सामने आई है.
केंद्र की ओर से जारी बयान के अनुसार, राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को जलाशयों, जीवित पक्षी बाज़ारों, मुर्गीपालन केंद्रों और चिड़ियाघरों आदि के आसपास निगरानी बढ़ाने का अनुरोध किया गया है. साथ ही मृत पक्षियों को प्रोटोकॉल के तहत दफ़नाने और मुर्गीपालन केद्रों में पक्षियों की सुरक्षा को लेकर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया गया है.
बर्ड फ्लू के ख़तरे के मद्देनज़र दिल्ली में जीवित पक्षियों के आयात पर रोक लगा दी गई है. साथ ही गाजीपुर मुर्गा बाज़ार अगले 10 दिन तक बंद कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में कानपुर के चिड़ियाघर और ज़िले की चिकन तथा अंडे की सभी दुकानों को अगले आदेश तक बंद कर दिया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और गुजरात से कार्य योजना के मुताबिक बर्ड फ्लू पर रोकथाम के लिए कहा है. ख़तरे के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में 200 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है. इनमें से अधिकांश कौए हैं. मौत के कारणों की जांच के लिए उनके नमूनों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है.
हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के बाद विभिन्न राज्यों को इस संबंध में एलर्ट जारी कर दिया गया है. बर्ड फ्लू के नए मामले इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि अभी कुछ महीने पहले 30 सितंबर 2020 को भारत ने ख़ुद को इस बीमारी से मुक्त घोषित किया था.