गुजरात विद्यापीठ एक डीम्ड विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 100 साल पहले महात्मा गांधी ने की थी. आवश्यक शैक्षणिक अनुभव की कमी और वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना करने के कारण यूजीसी के कारण बताओ नोटिस के बाद राजेंद्र खिमानी के पद छोड़ने के लिए मजबूर होने के बाद यह पद ख़ाली हो गया था.