गुजरात के अहमदाबाद शहर के खडिया इलाके में भाजपा कार्यकर्ता राकेश मेहता को एक कुख्यात अपराधी ने कथित रूप से डंडों और बेसबॉल बैट से बुरी तरह पीटा था. पुलिस ने बताया कि आरोपी की उसके रिश्तेदार से पुरानी रंज़िश थी और वह (रिश्तेदार) मृतक का क़रीबी दोस्त था. उसकी हत्या राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा नहीं है.
मध्य प्रदेश पुलिस ने कहा कि रतलाम ज़िले के 65 वर्षीय भंवरलाल जैन 16 मई को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक कार्यक्रम में जाने के बाद लापता हो गए थे. 19 मई को उनका शव नीमच ज़िले में मिला था. मारपीट करने संबंधी वायरल वीडियो में भाजपा कार्यकर्ता दिनेश कुशवाहा को भंवरलाल से कहते सुना जा सकता है, ‘तेरा नाम क्या है..? मोहम्मद नाम है तेरा..? आधार कार्ड दिखा.’ कुशवाहा के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ़्तार कर लिया गया
पुलिस ने कहा कि घटना तब हुई जब हमलावरों ने भाजपा कार्यकर्ता जीतू चौधरी को उपके घर के बाहर कुछ बातचीत करने के बहाने बुलाया था. पुलिस ने बताया कि इस संबंध में केस दर्ज कर लिया गया है.
कुपवाड़ा ज़िले से पलायन करने वाले प्रमुख कश्मीरी पंडित कार्यकर्ता सुनील पंडिता ने फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को एकतरफ़ा क़रार देते हुए कहा कि इसका मक़सद हिंदू-मुसलमानों के बीच दरार बढ़ाना है. उनका आरोप है कि 20 मार्च को फिल्म के समर्थन में आयोजित रैली के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका उत्पीड़न किया और धमकी दी.
सुप्रीम कोर्ट हिंसा के कुछ पीड़ितों के रिश्तेदार की याचिका पर सुनवाई कर कर रहा था, जिन्होंने आरोप लगाया था कि आशीष मिश्रा को ज़मानत दिए जाने के बाद मामले में एक गवाह पर हमला हुआ था. अदालत ने प्रमुख गवाहों में से एक पर हुए हमले पर गौर करते हुए यूपी सरकार से गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस बीच बृहस्पतिवार रात मामले के प्रमुख गवाहों में से एक पर हमला भी किया गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ दायर याचिका में कहा गया है कि इस मामले में स्थापित क़ानूनी मानदंडों के विपरीत अनुचित और मनमाना निर्णय दिया गया, जहां अपराध की जघन्य प्रकृति पर विचार किए बिना ज़मानत दी गई.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. इसे रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका में कहा गया है कि यह निर्णय क़ानून के लिहाज से टिकाऊ नहीं है क्योंकि इस पर ठीक तरह से विचार नहीं किया गया है और प्रत्यक्ष साक्ष्य के समर्थन के बिना ‘हो सकता है’ का सहारा लिया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. ज़मानत आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का उल्लेख छूट गया था, जिन्हें कोर्ट द्वारा जोड़ने का आदेश दिए जाने के बाद आशीष को रिहा कर दिया गया.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को बीते 10 फरवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज़मानत दी थी. आशीष द्वारा दाख़िल याचिका में कहा गया है कि अदालत ने उनकी ज़मानत के आदेश में धारा 302 (हत्या) और 120बी (साज़िश रचने) की धाराओं का जिक्र नहीं किया था. इसके बिना उनकी जेल से रिहाई संभव नहीं है.
लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान चार किसानों की हत्या के मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि राजनीतिक रूप से शक्तिशाली आरोपी के गवाहों को प्रभावित करने की पक्की संभावना पर विचार किए बिना अदालत का ज़मानत देना बेहद निराशाजनक है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पिछले साल उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार की एसयूवी से कुचलकर हत्या करने के आरोपी है. इस हिंसा के दौरान कुल आठ लोगों की मौत हुई थी. तीन अन्य मृतकों में भाजपा के दो कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री की एसयूवी के चालक शामिल हैं.
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के बैरसिया क़स्बे का मामला. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि तथाकथित हिंदू धर्म संरक्षक केवल धर्म का चोला ओढ़कर कर राजनीति करते हैं. इन्हें न हिंदू धर्म से मतलब है, न गोसेवा से, उन्हें धर्म का दुरुपयोग कर सत्ता हासिल कर पैसा कमाना है. पूरी भाजपा और विश्व हिंदू परिषद गोशाला संचालक को बचाने में लग गया है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में बीते तीन अक्टूबर 2021 को हुई हिंसा मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के संबंधी वीरेंद्र शुक्ला को ज़मानत चार किसानों और एक पत्रकार की मौत के मामले में मिली है, जिनकी मौत कथित तौर पर गाड़ियों के काफ़िले से कुचल दिए जाने की वजह से हुई थी.
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने बीते सोमवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 आरोपियों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दाख़िल किया है. इस हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. एसआईटी ने आशीष को घटना के लिए ज़िम्मेदार ठहराते हुए मुख्य आरोपी बनाया है.