बीते 28 अगस्त को हुए लाठीचार्ज और आईएएस अधिकारी आयुष सिन्हा पर कार्रवाई की मांग को लेकर करनाल ज़िला मुख्यालय के बाहर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि किसी को भी जांच के बिना सिर्फ़ इसलिए सूली पर नहीं चढ़ाया जा सकता कि कोई इसकी मांग कर रहा है.
हरियाणा के करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस से कथित तौर पर उनका सिर फोड़ने के लिए कहते हुए नज़र आए थे. किसानों ने कहा कि वे अनिश्चितकालीन धरना जारी रखेंगे. उनका कहना है कि पर्याप्त वीडियो साक्ष्य होने के बावजूद हरियाणा सरकार आईएएस अधिकारी को निलंबित तक करने को तैयार नहीं है, उनके ख़िलाफ़ केवल एक मुक़दमा दर्ज कर छोड़ दिया.
वीडियो: संयुक्त किसान मोर्चा ने मुज़फ़्फ़रनगर की किसान महापंचायत से एक बार फिर अपने आंदोलन को धार देने का प्रयास किया. इस महापंचायत में किसानों का बड़ा हुजूम देख देखा गया. खासकर, पश्चिम उत्तर के किसान बड़ी तादाद में यहां पहुंचे. द वायर ने महापंचायत में शामिल किसानों से बात की.
उत्तर प्रदेश के अलावा कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन तेज़ करने की रणनीति के तहत कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से मुज़फ़्फ़रनगर में महापंचायत का आयोजन किया गया. महापंचायत का जहां विपक्ष के नेताओं ने समर्थन किया है, वहीं भाजपा ने इसे चुनावी रैली क़रार दिया है. हालांकि भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा है कि किसानों के साथ फ़िर से बातचीत शुरू करनी चाहिए.
दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि पुलिस केंद्र सरकार के इशारे पर इस प्रकार के असंवैधानिक और अवैध कार्य कर रही है, क्योंकि जिन किसानों को नोटिस जारी किए गए हैं, उनके नाम एफ़आईआर में नहीं हैं और न ही उन्होंने किसी हिंसक गतिविधि में भाग लिया है. बीते 26 जनवरी को कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का आयोजन किया गया था. इस
हरियाणा के करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा कैमरे के सामने पुलिस से कथित तौर पर उनका सिर फोड़ने के लिए कहते हुए नज़र आए थे. सिन्हा के अलावा 18 अन्य आईएएस अधिकारियों का भी तबादला कर दिया है.
वीडियो: हरियाणा के करनाल में भाजपा की बैठक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने 28 अगस्त को लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. एसडीएम आयुष सिन्हा एक वायरल वीडियो में पुलिसकर्मियों को प्रदर्शनकारियों का सिर फोड़ देने की बात कहते नज़र आते हैं. इस मुद्दे पर भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) के जोगिंदर सिंह उगराहां और पत्रकार आदेश रावल से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
बीते 28 अगस्त को करनाल में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई किसान घायल हो गए थे. कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से इस लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग की है. साथ ही विधानसभा द्वारा हाल में पारित भूमि अधिग्रहण विधेयक को मंज़ूरी न देने का आग्रह किया है.
बीते 28 अगस्त को हरियाणा के करनाल शहर में भाजपा की बैठक का विरोध कर रहे किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और पंजाब के उनके समकक्ष अमरिंदर सिंह आमने-सामने आ गए हैं. खट्टर ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाया है कि वह उनके राज्य में किसानों को उकसा रही है. इस पर अमरिंदर सिंह ने खट्टर सहित भाजपा पर आरोप लगाया कि किसानों पर हमले को लेकर वे शर्मनाक झूठ
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि हर आज़ादी की सीमाएं होती हैं. खट्टर ने पंजाब की कांग्रेस सरकार के साथ वाम दलों पर उनके राज्य में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों को उकसाने का आरोप भी लगाया है.
हरियाणा के करनाल शहर में शनिवार को भाजपा की बैठक के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे. भाजपा की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी शामिल हुए थे.
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने विधानसभा में बताया कि राज्य में कृषि क़ानूनों के विरोध में हुए प्रदर्शनों के संबंध में ज़्यादातर मामले कुरुक्षेत्र, सोनीपत, भिवानी, हिसार, सिरसा और फ़तेहाबाद ज़िलों में दर्ज किए गए हैं. ये मामले दंगा, घातक हथियार से लैस होने, आदेश की अवज्ञा, लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने सहित विभिन्न धाराओं से संबंधित हैं. सभी 138 मामले सितंबर 2020 से अब तक दर्ज किए गए हैं.
भारतीय किसान संघ ने कहा है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत समेत फ़सल की लाभदायक कीमत देने की मांग पर आठ सितंबर को देशव्यापी आंदोलन होगा. तीन नए कृषि क़ानूनों में एमएसपी सुनिश्चित करने के बारे में कोई प्रावधान नहीं है. इसके लिए एक अलग क़ानून बनाना चाहिए. इसके अलावा आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव के बारे में भी अपनी संघ ने आपत्ति जताई, जो बड़ी कंपनियों को कुछ वस्तुओं को स्टॉक करने की अनुमति देता है.
तीन कृषि क़ानूनों को पूरी तरह से समझने पर ज़ोर देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि विरोध का माहौल बनाया जा रहा है और किसानों को इसे समझना चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर भ्रम भी पैदा किया गया. किसानों ने सच जानना शुरू कर दिया है और उन्होंने अपने लाभ तथा हानि की गणना करनी शुरू कर दी है.
वीडियो: दिल्ली के जंतर मंतर पर बीते नौ अगस्त को प्रदर्शनकारी महिला किसानों ने किसान संसद का आयोजन किया था. इस दौरान महिला किसानों ने केंद्र सरकार के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव पारित किया. महिला किसान संसद में भाग लेने के लिए दिल्ली और आसपास के इलाकों की महिलाएं जंतर मंतर पहुंचीं और मंच से अपनी बात रखी.