छात्रा का आरोप है कि वो विश्वविद्यालय प्रशासन के निशाने पर तभी से हैं जब उन्होंने पिछले साल अमित शाह को काला झंडा दिखाया था और उस आरोप में वो जेल भी गई थीं.
असम में नागरिकता संशोधन विधेयक के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन चल रहे हैं. पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान मंत्रियों और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को उनके दौरे पर काले झंडे दिखाकर स्थानीय लोग अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं, इसलिए ऐसे कार्यक्रमों में काले रंग के कपड़ों और वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है.
दोनों लड़कियां इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई करती हैं. बताया जा रहा है कि दोनों समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई से जुड़ी हुई हैं.