बांग्लादेश से भागकर भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ करीब 100 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से ज़्यादातर प्रदर्शनकारियों की हत्याओं से जुड़े हैं.
बांग्लादेश के संसदीय चुनावों में प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग ने जीत हासिल कर ली है. विपक्ष ने इस चुनावों का बहिष्कार किया था. अवामी लीग ने 300 सीटों वाली संसद में 222 सीटों पर जीत हासिल की है. अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों की ओर से उन्हें अब तक बधाई नहीं दी गई है.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग ने रविवार को हुए आम चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. प्रधानमंत्री के तौर पर यह उनका लगातार चौथा कार्यकाल होगा. मुख्य विपक्षी दल बीएनपी ने शेख़ हसीना की सरकार पर अपने समर्थकों और विपक्षी राजनेताओं को निशाना बनाते हुए बड़ी संख्या में उनकी गिरफ़्तारी करने का आरोप लगाया है.
बांग्लादेश में रविवार को आम चुनाव संपन्न होने के बाद मतगणना शुरू हो गई है. विपक्ष के बहिष्कार के बीच संपन्न हुए चुनाव में मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी ने प्रधानमंत्री शेख़ हसीना पर आरोप लगाया है कि उन्होंने हाल के महीनों में उसके 20,000 से अधिक सदस्यों को जेल में डालकर विपक्ष रहित चुनाव की भूमिका तय की है.
इज़रायली अख़बार हारेत्ज़ के अनुसार, इज़रायली कंपनियों के बांग्लादेश के साथ व्यापार करने पर रोक है क्योंकि यह चिंताएं हैं कि तकनीक पाकिस्तान के हाथ में चली जाएगी. इसके बावजूद मानवाधिकारों के उल्लंघन की आरोपी रहीं बांग्लादेश की कुछ सुरक्षा एजेंसियों को भी स्पायवेयर तकनीक बेची गई है.
जिस तरह भ्रष्टाचारियों को अपना भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार नहीं लगता, उसी तरह कट्टरपंथियों को अपनी कट्टरता कट्टरता नहीं लगती. वे ‘दूसरी’ कट्टरताओं को कोसते हुए भी अपनी कट्टरताओं के लिए जगह बनाते रहते हैं और इस तरह दूसरी कट्टरताओं की राह भी हमवार करते रहते हैं.
बांग्लादेश में हिंसा के नए चक्र से शायद हम एक दक्षिण एशियाई पहल के बारे में सोच सकें जो अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा और उनकी बराबरी के हक़ के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समझौते का निर्माण करे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना की पार्टी अवामी लीग को आम चुनाव में 298 में 287 सीटों पर जीत मिली. सात सीटों पर सिमटा विपक्षी गठबंधन.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख़ हसीना तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को भारत आएंगी. इस दौरान वह 1971 में बांग्लादेश की आज़ादी की जंग के दौरान शहीद हुए भारतीय जवानों के परिजनों को सम्मानित करेंगी.