पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच युवकों को चीन की सेना द्वारा कथित तौर अपहृत करने का मामला सामने आया था. सेना ने कहा है एक साल में यह तीसरी घटना है और सभी को वापस लाया गया है.
3 इडियट्स फिल्म की शूटिंग लद्दाख में होने के बाद पर्यटकों के आकर्षण के लिए पैंगोंग झील के भारतीय हिस्से की ओर एक शूटिंग पॉइंट बनाया गया था. टाइम्स नाउ द्वारा इस जगह के एक पुराने वीडियो को चीन द्वारा उनकी तरफ से पर्यटकों के लिए पैंगोंग झील खोले जाने के दावे के साथ प्रसारित किया गया.
वीडियो: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर हालात बेहद गंभीर होते जा रहे हैं. दोनों देशों की सेना के बीच जारी गतिरोध पर फोर्स के संपादक प्रवीन साहनी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले से पांच लोगों को चीन की सेना द्वारा कथित तौर अपहृत करने का मामला सामने आया था. किरण रिजीजू के इस मुद्दे को चीन के सामने उठाए जाने के बाद चीन ने कहा था कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है और उसने अपने ही नागरिकों का अपहरण नहीं किया है.
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैंगोंग झील का दक्षिणी किनारा भारत और चीन के बीच टकराव का नया केंद्र बन गया है. चीनी प्रवक्ता झांग शिउली ने दावा किया है कि भारतीय सैनिकों ने वॉर्निंग शॉट्स फायर किए हैं. भारतीय सेना ने इसका खंडन करते हुए कहा है कि उकसावे की कार्रवाई चीन की तरफ से ही हुई है.
बीते पांच सितंबर को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले के जंगल में शिकार करने गए पांच लोगों को चीन की सेना द्वारा कथित तौर अपहृत किए जाने का मामला सामने आया था. केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा है कि युवकों के कथित तौर पर अपहरण का मुद्दा चीनी सेना के समक्ष उठाया गया है और उनके जवाब का इंतजार है.
मई की शुरुआत में पूर्वी लद्दाख में सीमा पर विवाद बढ़ने के बाद दोनों देशों के बीच शीर्ष स्तर की यह पहली बैठक थी. भारत और चीन के बीच पीछे हटने और तनाव कम करने पर सैन्य और राजनयिक स्तर की वार्ता जुलाई के मध्य से आगे नहीं बढ़ पाई है.
घटना अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी ज़िले के नाचो इलाके में हुई. परिवार ने प्रशासन से अपहृत लोगों को वापस लाने के लिए क़दम उठाने की मांग की है.
भारतीय सेना ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 29-30 अगस्त की रात को यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया. इस गतिविधि को भारतीय सैनिकों ने रोक दिया.
रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से गायब हुए दस्तावेज़ों में चीन द्वारा लद्दाख के विभिन्न हिस्सों में अतिक्रमण की बात कही गई थी. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जून में 'किसी के भारतीय सीमा में न आने' के दावे के उलट है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने शुक्रवार शाम चीन में भारतीय राजदूत विक्रम मिस्री का बयान ट्वीट किया था जो चीन के भारत में घुसपैठ नहीं करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे के विपरीत था. इसके बाद सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने पीटीआई के साथ सभी संबंध तोड़ने की धमकी दी है.
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने लद्दाख में गलवान घाटी पर संप्रभुता के चीन के दावे को अमान्य बताकर ख़ारिज करते हुए कहा कि एलएसी पर मौजूदा सैन्य गतिरोध को सुलझाने का एकमात्र रास्ता है कि चीन मान ले कि बलपूर्वक यथास्थिति को बदलने का प्रयास करना सही तरीका नहीं है.
भारत में चीन के राजदूत सुन वीदोंग ने स्वीकार किया है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए थे. इस झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे.
वीडियो: पिछले कई दिनों से भारत-चीन सीमा पर हो रहे तनाव के कारण देश में कोरोना वायरस से हो रहीं मौतों को मीडिया और सरकार अनदेखा कर रही है. देश में बढ़ रही ग़रीबी और बेरोज़गारी पर न तो सरकार का कोई ध्यान है और न ही मीडिया का. इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया.
वीडियो: चीन से जारी सीमा गतिरोध पर 19 जून को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान पर हुए विवाद के बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा, रणनीति और सीमाओं के मुद्दे पर उन्हें सोच-समझकर बोलना चाहिए. इस मुद्दे द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.