भीषण गर्मी से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला वर्ग श्रमिकों का है. ऐसे में यूपी के ईंट के भट्ठों पर काम करने वाले प्रवासी मज़दूर (फायरमैन) घिसी हुई लकड़ी की चप्पलों, नींबू, नमक और चीनी के सहारे झुलसा देने वाली गर्मी के बीच बेहद कठिन परिस्थितियों में काम करने को मजबूर हैं.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का प्रवासी मज़दूर मुकेश कुमार पुलवामा के एक ईंट भट्ठे पर काम करते थे. बीते सोमवार को पैसा घर भेजने के लिए बैंक जा रहे थे जब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. मुकेश पहले ग़ैर-स्थानीय व्यक्ति हैं, जिनकी इस साल कश्मीर में लक्षित हत्या की गई है.
पिछले साल 26 और 27 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी तहसील में स्थित एक ईंट-भट्टे से 91 मज़दूरों को मुक्त कराया गया. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी शामिल हैं. ये सभी छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चापा ज़िले के रहने वाले हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर की राजौरी तहसील के दो ईंट-भट्ठों से 91 बंधुआ मज़दूरों को छुड़ाकर दिल्ली लाया गया है. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी हैं. ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले के हैं. इनसे द वायर की संतोषी मरकाम से बातचीत.