बीते सप्ताह पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना ज़िले में बगदा सीमा चौकी के निकट भारत से अवैध रूप से बांग्लादेश जा रही एक महिला से बलात्कार के आरोप में सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों को गिरफ़्तार किया गया है. सत्तारूढ़ टीएमसी ने उक्त घटना को लेकर केंद्र सरकार और गृह मंत्री पर निशाना साधा है.
बीएसएफ़ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के बजाय 50 किलोमीटर अंदर तक के क्षेत्र में तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी के लिए अधिकृत करने को लेकर केंद्र सरकार ने बीते अक्टूबर माह में बीएसएफ़ अधिनियम में संशोधन कर दिया था.
सीमा सुरक्षा बल को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी के बजाय 50 किमी अंदर तक के क्षेत्र में तलाशी, ज़ब्ती और गिरफ़्तारी के लिए अधिकृत करने को लेकर केंद्र ने हाल में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन किया है.
पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल दूसरा राज्य है, जहां विधानसभा में बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाने के केंद्र के फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया गया. प्रस्ताव में कहा गया है कि बीएसएफ का अधिकारक्षेत्र बढ़ाना देश के संघीय ढांचे के खिलाफ़ है क्योंकि क़ानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है.
पंजाब व पश्चिम बंगाल सरकार ने इस निर्णय की निंदा करते हुए कहा कि यह संघवाद पर हमला है और राज्यों के अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप करना है. पहले बीएसएफ को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में कार्रवाई का अधिकार था, अब गृह मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया है.