वित्तीय संकट से जूझ रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल के लिए 69,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मंजूरी के कुछ दिनों बाद दोनों कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना पेश की है.
केंद्र ने बीते जुलाई में शीर्ष अदालत को बताया था कि एयरटेल पर 21,682.71 करोड़ रुपये लाइसेंस शुल्क के बकाया थे. इसी तरह वोडाफोन पर 19,823.71 करोड़, रिलायंस कम्युनिकेशंस पर 16,456.47 करोड़ और सरकारी स्वामित्व वाले बीएसएनएल पर 2,098.72 करोड़ और एमटीएनएल पर 2,537.48 करोड़ रुपये बकाया है.
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लाई जाएगी. विलय की प्रक्रिया पूरी होने तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की एक इकाई के रूप में काम करेगी.
दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल की वित्तीय हालत सुधारने के लिए 74,000 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया है, जबकि इसको बंद करने में 95,000 करोड़ रुपये ख़र्च होने का अनुमान लगाया गया है.
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम विपणन कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड के प्रस्तावित पूर्ण निजीकरण का भी रास्ता साफ हो चुका है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विनिवेश की आड़ में नवरत्न कंपनियों को बेच रही है.
बीते 22 जुलाई को सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी एमटीएनएल और बीएसएनएल की दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की इमारतों में आग लगी थी. सरकार ने इन तीनों घटनाओं की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए थे.
इस साल यह दूसरी बार है जब बीएसएनएल और एमटीएनएल द्वारा अपने कर्मचारियों को समय से वेतन देने में चूक हुई. इससे पहले बीते फरवरी महीने कर्मचारियों को वेतन देरी से मिला था.
22 जुलाई को एमटीएनएल के मुंबई स्थित बांद्रा टेलीफोन एक्सचेंज और बीएसएनएल की कोलकाता के साल्ट लेक स्थित इमारत में भीषण आग लगी थी. वहीं दिल्ली में एमटीएनएल के किदवई भवन इमारत में भी आग लगी थी.
देश की सबसे बड़ी सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने सरकार से कहा कि कंपनी नकदी के संकट से जूझ रही है और कामकाज जारी रखने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं.
भारतीय डाक यानी इंडिया पोस्ट ने वित्त वर्ष 2018-19 में वेतन और भत्तों पर 16,620 करोड़ रुपये ख़र्च किए. इसमें पेंशन का ख़र्च 9,782 करोड़ रुपये भी जोड़ दें तो कुल ख़र्च 26,400 करोड़ रुपये हो जाता है.
भाजपा नेता वरुण गांधी पीलीभीत से चुनाव मैदान में हैं. वरुण पर टेलीफोन बिल का यह बकाया 2009 से 2014 के बीच पीलीभीत का सांसद रहने के दौरान का है. नियमों के अनुसार, उम्मीदवार को नामांकन के साथ सरकारी विभागों से मिला अनापत्ति पत्र जमा करना पड़ता है, इसके बिना उसका नामांकन रद्द हो सकता है.
बीएसएनएल भुगतान में चूक के लिए आरकॉम द्वारा जमा की गई करीब 100 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी को पहले ही भुना चुका है.
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आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार, वित्त वर्ष 2017-18 में बीएसएनएल ने जीएसएम मोबाइल फोन सेवा से 7,148.09 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया. मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में 4,000.81 करोड़ रुपये का राजस्व कमाया है. ये आंकड़े पूर्व के वर्षों से काफी कम हैं.
बीएसएनएल के कर्मचारी संगठनों ने कंपनी को संकट से उबारने के लिए सरकार को लिखा पत्र. कर्मचारी संगठनों का कहना है कि रिलायंस जियो से मिल रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के कारण कंपनी की आर्थिक सेहत बुरी तरह प्रभावित हुई है.