दिल्ली मुख्य सचिव हमला: केजरीवाल, सिसोदिया सहित 13 आप विधायक नामज़द

मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर 19 फरवरी की देर रात एक बैठक के दौरान उन पर हमला किया गया.

भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक पास, रिश्वत लेने वाले के साथ देने वाला भी होगा अपराधी

भ्रष्टाचार निरोधक संशोधन विधेयक-2018 के तहत रिश्वत देने वाले को सात साल की सज़ा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान किया गया है.

हम भी भारत, एपिसोड 40: महागठबंधन और कांग्रेस 

हम भी भारत की 40वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी 2019 के आम चुनाव के लिए संभावित विपक्षी महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और द वायर की मैनेजिंग एडिटर मोनोबिना गुप्ता से चर्चा कर रही हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 39: एलजी आॅफिस में अरविंद केजरीवाल का धरना

हम भी भारत की 39वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के धरना दिए जाने पर दिल्ली विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर राजश्री चंद्रा और पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन से चर्चा कर रही हैं.

क्या सिविल सेवा में लैटरल एंट्री की पहल ही पेशेवरों की कमी ख़त्म करने का सबसे बेहतर तरीका है?

ज़्यादातर वरिष्ठ नौकरशाहों का कहना है कि नरेंद्र मोदी सरकार को लैटरल एंट्री के संबंध में और ज़्यादा स्पष्टीकरण देने की ज़रूरत है.

मंत्रालयों-विभागों में ‘लैटरल एंट्री’ संस्थाओं के भगवाकरण का प्रयास: वीरप्पा मोइली

प्रशासनिक सुधार आयोग के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह जल्दबाज़ी में उठाया गया कदम है. मोदी सरकार की घोषणा में पारदर्शिता की कमी है. उसने लैटरल एंट्री की घोषणा की लेकिन कोई नीति पेश नहीं की.

आईएएस लैटरल एंट्री: असली सवाल तो सरकार की नीयत का है

लैटरल एंट्री को लेकर उठ रहे असुविधाजनक सवालों पर सरकार ने जो रुख अपना रखा है, उससे अभी से लगने लगा है कि यह व्यवस्था इतनी पारदर्शी नहीं होने जा रही कि इससे संबंधी सरकार की नीति और नीयत को सवालों से परे माना जा सके.

आईएएस लैटरल एंट्री: नौकरशाही में बदलाव के नाम पर मोदी सरकार का नया स्टंट

संयुक्त सचिव स्तर के दस पेशेवर लोगों को सरकार में शामिल करने का ख़्याल सरकार के आख़िरी साल में क्यों आया जबकि इस तरह के सुझाव पहले की कई कमेटियों की रिपोर्ट में दर्ज हैं.

हम भी भारत, एपिसोड 38: यूपीएससी के बिना संयुक्त सचिवों की नियुक्ति

हम भी भारत की 38वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी मोदी सरकार द्वारा संयुक्त सचिव स्तर के दस पदों के लिए बिना लोकसेवा आयोग की परीक्षा के नियुक्तियों के आवेदन आमंत्रित करने पर पूर्व आईएएस अधिकारी सुंदर बुर्रा और हार्ड न्यूज़ पत्रिका के संपादक संजय कपूर से चर्चा कर रही हैं.

गुजरात के ‘मोदीफाइड’ नौकरशाहों की फ़ौज देश चला रही है

देश के उच्च संस्थानों के प्रमुख पदों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने चहेते नौकरशाहों को जगह दी हुई है और गुजरात के इन 'मोदीफाइड' अफ़सरों को केंद्र में लाने के लिए अक्सर नियमों को ताक पर रखा गया है.

67 नौकरशाहों ने लिखा खुला पत्र, कहा- देश में अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है

प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे इस पत्र में पूर्व नौकरशाहों ने मुसलमानों के साथ होने वाले रोज़मर्रा के भेदभाव की तरफ इशारा किया है.

क्या टाइम्स आॅफ इंडिया के संपादक ने अपने हित के लिए पत्रकारिता को ताक पर रख दिया?

अगर संपादक मंत्री से कहकर किसी नियुक्ति में कोई बदलाव करवा सकते हैं, तो क्या इसके एवज में मंत्रियों को अख़बारों की संपादकीय नीति प्रभावित करने की क्षमता मिलती है?