ट्विटर ने स्वीकारा है कि पिछले साल कई यूज़र्स की निजता उस समय जोखिम में पड़ गई थी जब उसके सॉफ्टवेयर की ख़ामी का दुर्भावना से फायदा उठाया गया था. कंपनी ने कहा कि इस सेंधमारी का वैश्विक असर हुआ था पर वह इससे प्रभावित हुए लोगों की सटीक संख्या या जगह के बारे में स्पष्ट तौर पर नहीं बता सकती.