वीडियो: जब अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं और सिखों की रक्षा करने की बात आती है तो मोदी सरकार के शब्दों और कार्यों के बीच के अंतर नज़र आता है. द वायर के साहिल मुरली मेंघानी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं कि कैसे भाजपा नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) पर भारतीयों को बेवकूफ़ बना रही है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम देश की धर्म-निरपेक्षता के ख़िलाफ़ है. यहां किसी को भी धर्म के आधार पर नागरिकता तय करने का अधिकार नहीं है. हमारा देश भारत के संविधान में उल्लिखित धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांत पर काम करता है. आजकल धर्म-निरपेक्षता को नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है. इसे लेकर एक ख़ास वर्ग के लोग ख़ासे चिंतित हैं.
यह पांचवीं बार है जब गृह मंत्रालय नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत नियमों को तैयार करने के लिए समय के विस्तार की मांग कर रहा है. इससे पहले, 9 जनवरी को केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के चलते नियम बनाने में देरी का हवाला देते हुए तीन महीने के विस्तार की मांग की थी. इस बार मंत्रालय ने 9 अक्टूबर तक का समय मांगा है.
दिसंबर 2019 में संसद में पारित संशोधित नागरिकता अधिनियम अभी लागू नहीं हुआ है क्योंकि इसके तहत नियम बनाए जाने बाकी हैं. नियम बनाने के लिए गृह मंत्रालय अब तक पांच बार समय विस्तार मांग चुका है.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सीएए के तहत पात्र लाभार्थी, नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 30 जुलाई तक भारतीय नागरिकता के लिए अफ़ग़ानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू समुदाय से 4,046 आवेदन राज्य सरकारों के पास लंबित हैं. वहीं, 10 आवेदन केंद्र सरकार के पास लंबित हैं.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि सीएए के नियम अभी तैयार नहीं हो पाए हैं, इसलिए उन्होंने लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ समितियों से अनुरोध किया है कि वे इन नियमों को बनाने के लिए नौ जनवरी 2022 तक का अतिरिक्त समय दें.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने सदन में बताया कि लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधायी समितियों ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के नियमों को तय करने के लिए क्रमश: नौ अप्रैल और नौ जुलाई का समय दिया है.