द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
असम में विपक्षी दलों, छात्रों और अन्य संगठनों ने सीएए के ख़िलाफ़ तीव्र विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हर किसी को विरोध करने का अधिकार है, पर यदि कोई राजनीतिक दल हाईकोर्ट के बंद पर रोक के आदेश की अवहेलना करता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है.
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मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने एक इंटरव्यू में बताया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के पहले मसौदे में किसी भी राज्य के लिए छूट का प्रावधान नहीं था, लेकिन हमारे चिंता जताने के बाद केंद्र सरकार एक प्रावधान लेकर आई, जिसके तहत मेघालय और छठी अनुसूची तथा इनर परमिट लिमिट वाले अन्य क्षेत्रों को क़ानून से छूट दी गई है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सीएए नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है, न कि ‘किसी की नागरिकता छीनने’ के लिए. हमारे देश में अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हमारे मुस्लिम समुदाय को उकसाया जा रहा है. सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि क़ानून में इसका कोई प्रावधान नहीं है.
28 जनवरी को केंद्रीय राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने बंगाल में कहा था कि एक सप्ताह में पूरे देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू किया जाएगा. अब इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि वे कहना चाहते थे कि सीएए के नियम बनाने की प्रक्रिया सप्ताह भर में पूरी हो जाएगी, पर उनकी ज़बान फिसल गई.
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तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा कि राज्य कभी भी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) को लागू नहीं करेगा. यह मुसलमानों और श्रीलंकाई तमिलों के ख़िलाफ़ है. हाल ही में केंद्रीय राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि एक सप्ताह में पूरे देश में सीएए लागू किया जाएगा.
छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से जेल में हैं और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा 13 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है. वह अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सज़ा की आधी से अधिक काट चुके हैं और प्रावधान के तहत ज़मानत के हक़दार हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का आरोप है कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सीमावर्ती इलाकों में रहने वालों को अलग पहचान पत्र देना चाहता है. उन्होंने लोगों से कार्ड लेने से इनकार करने की कहते हुए दावा किया कि जो लोग कार्ड लेंगे, वो एनआरसी के तहत राज्य से बाहर कर दिए जाएंगे.
आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का यह बयान तब आया है, जब एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि सीएए के नियमों को लोकसभा चुनावों की घोषणा से ‘बहुत पहले’ अधिसूचित कर दिया जाएगा. दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए पारित होने और राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में इसके ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे.
15 दिसंबर 2019 को दिल्ली पुलिस ने सीएए विरोधी प्रदर्शन में पत्थरबाज़ी का हवाला देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया के कैंपस और लाइब्रेरी में घुसकर छात्रों को पीटा था. इस हिंसा के चार साल पूरे होने पर जामिया के छात्र-छात्राओं ने 'जामिया प्रतिरोध दिवस' मनाते हुए परिसर में मार्च निकाला.
असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद नागरिकता अधिनियम, 1955 में जोड़ी गई धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में चली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह जवाब दाख़िल किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि 2017 और 2022 के बीच कुल 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है.