राजस्थान के मंत्रिमंडल पुनर्गठन में कांग्रेस आलाकमान ने अनुसूचित जाति व जनजाति और महिलाओं को अच्छी संख्या में प्रतिनिधित्व देकर एक प्रयोग करने की कोशिश की है. राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस की अपने पुराने और पारंपरिक वोट बैंक की ओर लौटने की छटपटाहट है.
इन मंत्रियों में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा और शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं. डोटासरा इस समय पार्टी प्रदेश अध्यक्ष हैं, शर्मा को पार्टी ने हाल में गुजरात व हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी नियुक्त किया है.
मंत्रिपरिषद के विस्तार के बाद भले ही मंत्रियों की संख्या 77 पहुंच गई हो, लेकिन चुने गए ये सभी महिला और पुरुष केवल प्रिय नेता की भूमिका का बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने के लिए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नए मंत्रिमंडल में शामिल कुल 78 मंत्रियों में से चार के ख़िलाफ़ हत्या के प्रयास के मामले दर्ज हैं. इसके साथ ही 90 फीसदी मंत्री करोड़पति हैं.
राज्यसभा के सदस्य एवं केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया. गुजरात भाजपा के नेता मंगुभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया है. मिज़ोरम के राज्यपाल पीएस पिल्लई को स्थानांतरित कर गोवा का राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
यह सरकार लघु उद्योगों, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र के हालातों को लेकर शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए हुए है. समस्याओं को स्वीकार न करने से समस्याएं समाप्त नहीं हो जाती हैं. न ही कैबिनेट में फेरबदल कर देने से ही इन्हें सुलझाया जा सकता है.
सीतारमण को रक्षा मंत्री बनाया जाना वाणिज्य मंत्री के तौर पर उनके अच्छे काम के लिए पुरस्कार के तौर पर देखा जा रहा है.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में चार मंत्रियों का प्रमोशन. धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, निर्मला सीतारमण और मुख्तार अब्बास नकवी कैबिनेट मंत्री बने. नौ नए चेहरे राज्य मंत्री बने.
मंत्रिमंडल के विस्तार को दंत कथाओं में मत बदलिए. ये सिर्फ राजनीतिक जुगाड़ का विस्तार है. मंत्री फेल नहीं हुए हैं, सरकार फेल हुई है, वो आइडिया फेल हुआ है जिसमें ज़बरन हवा भरी जा रही थी.
जन गण मन की बात की 111वीं कड़ी में विनोद दुआ जीडीपी में आई गिरावट और मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल पर चर्चा कर रहे हैं.
जन गण मन की बात की 107वीं कड़ी में विनोद दुआ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में होने जा रहे फेरबदल पर चर्चा कर रहे हैं.