नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ़्तार चार नेताओं में से दो- टीएमसी विधायक मदन मित्रा और पार्टी के पूर्व नेता शोभन चटर्जी की जेल में तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इससे पहले सोमवार को निचली अदालत से मिली ज़मानत पर रोक लगाते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट ने चारों नेताओं को जेल भेज दिया था.
पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए नारदा स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी नेताओं फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा और शोभन चटर्जी को कथित तौर पर घूस लेते हुए दिखाया गया था. तब ये सभी राज्य मंत्री थे. हाईकोर्ट ने मार्च 2017 में इसकी सीबीआई जांच का आदेश दिया था.
2016 विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए नारदा स्टिंग टेप में तृणमूल कांग्रेस के कई नेता कथित तौर पर रिश्वत लेते नज़र आए थे. 2017 में हाईकोर्ट ने इसकी सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. अब सीबीआई के अनुरोध पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने टीएमसी के फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी और मदन मित्रा के ख़िलाफ़ मामला चलाने की मंज़ूरी दी है.
गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक लगभग 1.29 लाख पद उत्तर प्रदेश में, बिहार में 50,000 पद और पश्चिम बंगाल में 49,000 पद रिक्त हैं. वहीं, नागालैंड पुलिस देश का एकमात्र ऐसा बल है, जहां स्वीकृत संख्या से 941 अधिक कर्मियों को भर्ती किया गया है.
नारदा स्टिंग आॅपरेशन मामले की प्रारंभिक जांच के आदेश सीबीआई को देने के कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी.