छात्राओं के हॉस्टल वापस आने की टाइमिंग, मोरल पुलिसिंग, यौन प्रताड़ना और भेदभावपूर्ण नियमों के ख़िलाफ़ शुरू हुआ पिंजरा तोड़ आंदोलन अब कई राज्यों के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में होने लगा है.
कुलपति एपी पांडेय पर वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही के आरोपों को लेकर छात्रसंघ समेत शिक्षक और स्टाफ ने 85 दिनों तक धरना दिया था. इन संगठनों ने कुलपति के 'आभासी' आदेश पर प्रशासन से कार्रवाई करने को कहते हुए दोबारा हड़ताल शुरू करने की चेतावनी दी है.
दिल्ली विश्वविद्यालय में दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज़्म के छात्र-छात्राओं का आरोप है कि मोटी फीस वसूलने के बाद भी प्रशासन उन्हें बेहतर शिक्षा और संसाधन उपलब्ध कराने में असफल रहा है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब अदालत की दख़ल के बाद छात्र-छात्राओं की पीएचडी थीसिस जमा हुई है और उनका अगले सेमेस्टर में पंजीकरण हुआ है.
जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में आंदोलन कर रहे छात्रों का आरोप है कि प्रशासन ने बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) को फुल टाइम कोर्स बताकर दाखिला दिया था जबकि सरकार से उसे सिर्फ पार्ट टाइम की मान्यता प्राप्त है.
बाज़ार, होटल एवं मॉल सहित तमाम व्यापारिक प्रतिष्ठान, स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे. विश्वविद्यालय के कुलपति को हटाने की मांग को लेकर छात्र और शिक्षक संघ बीते 30 मई से धरने पर हैं. कुलपति पर वित्तीय अनियमितता का आरोप है.
विश्वविद्यालय के सभी डीन और 28 विभागों के प्रमुख ने इस्तीफा दे दिया है. मणिपुर विश्वविद्यालय छात्रसंघ और शिक्षक संघ 40 से ज़्यादा दिनों से कुलपति के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहा है.
कोलकाता स्थित जाधवपुर विश्वविद्यालय में छह विषयों के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षाएं ख़त्म करने के फैसले के ख़िलाफ़ छात्र-छात्राएं छह जुलाई से कर रहे हैं प्रदर्शन. भाजपा ने विश्वविद्यालय में गतिरोध के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज़िम्मेदार ठहराया.
अनशन पर बैठे करीब 26 विद्यार्थियों का आरोप है कि उन्हें दाख़िला न मिल सके इसलिए विश्वविद्यालय ने उनका प्रवेश परीक्षा का परिणाम रोक लिया है. हाईकोर्ट ने कुलपति, रजिस्ट्रार और एसएसपी को किया तलब.
विश्वविद्यालयों को 31 जुलाई तक यूजीसी को बताना है कि बीते एक साल में उन्हें यौन उत्पीड़न की कितनी शिकायतें मिलीं और इन पर क्या कदम उठाया गया.
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हॉस्टल वॉशआउट अभियान के ख़िलाफ़ छात्रों का प्रदर्शन पांच जून को हिंसक हो गया. कई वाहन फूंक दिए गए. 11 छात्रों को गिरफ़्तार भी किया गया है.
इस्लामाबाद स्थित बहरिया विश्वविद्यालय ने अजीबो-गरीब फ़रमान सुनाया है जिसे लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी हंगामा मचा हुआ है.
कई हफ्तों से धरने पर बैठे सत्यजित रे फिल्म एवं टेलीविज़न संस्थान के छात्र-छात्राओं ने प्रबंधन पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने कहा छात्रों का इकट्ठा होकर नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है और इससे ये साफ़ नहीं होता कि उनका मक़सद फ़साद फैलाना था.
दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में सभा, वाद-विवाद और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रबंधन की अनुमति मिलने में विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.