साहित्य में विस्मृति का वितान फैल रहा है

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: हिंदी में पिछले लगभग पचास वर्षों से साहित्य को राजनीतिक-सामाजिक संदर्भों में पढ़ने-समझने की प्रथा लगभग रूढ़ हो गई है. ये संदर्भ साहित्य को समझने में सहायक होते हैं पर साहित्य को उन्हीं तक महदूद करना साहित्य की समग्रता से दूर जाना है.

ट्रोल्स द्वारा भारत विरोधी कहने पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने टीएम कृष्णा का कार्यक्रम रद्द किया

रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध गायक टीएम कृष्णा ने कहा, 'मुझे दिल्ली में किसी भी जगह 17 नवंबर को एक मंच दीजिए. मैं आऊंगा और गाऊंगा. हम इस तरह की धमकियों के आगे खुद को झुका नहीं सकते हैं.'