मोहन भागवत ने अपने हालिया प्रवचन में कहा कि चुनाव में क्या होता है इसमें आरएसएस के लोग नहीं पड़ते पर प्रचार के दौरान वे लोगों का मत-परिष्कार करते हैं. तो इस बार जब उनके पूर्व प्रचारक नरेंद्र मोदी और भाजपा घृणा का परनाला बहा रहे थे तो संघ किस क़िस्म का परिष्कार कर रहा था?
लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद पहली बार दिए भाषण में आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि चुनावी मुक़ाबला झूठ पर आधारित नहीं होना चाहिए. उन्होंने साल भर से हिंसा से जूझ रहे मणिपुर की स्थिति को लेकर सवाल किया कि राज्य आज भी जल रहा है, इस पर कौन ध्यान देगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर दिए बयान पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि ग़रीबों के अधिकारों पर हमला, संविधान सम्मत अधिकारों को कुचलना, दलितों-पिछड़ों के अधिकार छीनना...यही असली भाजपाई एजेंडा है.
छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति को 13 फीसदी तथा अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके साथ ही राज्य में आरक्षण की सीमा कुल 72 फीसदी हो जाएगी, जो कि देश में सबसे अधिक होने के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई 50 फीसदी की सीमा से 22 फीसदी अधिक होगी.
दिल्ली विश्वविद्यालय में 264 प्रोफेसरों की कुल स्वीकृत संख्या में अनुसूचित जाति श्रेणी के केवल तीन व्यक्ति डीयू के विभिन्न महाविद्यालयों में कार्यरत है जबकि अनुसूचित जनजाति का प्रतिनिधित्व नहीं है.
गुजरात चुनाव राउंडअप: राहुल ने कहा, मोदी लगातार चुनावी मुद्दा बदल रहे, उनके पास बोलने को कुछ भी नहीं बचा. मोदी जी, हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: मोदी ने उठाया मंदिर और मणिशंकर मुद्दा. राहुल बोले हम गालियों का जवाब नहीं देंगे, पोल खुल जाने पर चुनावी एजेंडा बदल रहे मोदी.
गुजरात चुनाव राउंड अप: हार्दिक ने लगाया कथित रूप से 1200 करोड़ रिश्वत की पेशकश का आरोप, नरेंद्र पटेल ने भी लगाया था एक करोड़ की पेशकश का आरोप.
गुजरात चुनाव राउंड अप: जेटली ने कहा, चुनाव में केवल ऐसे वादे किए जाने चाहिए जिन्हें लागू किया जा सके. भाजपा बोली, राहुल गुजरात में औरंगजेब और खिलजी के पदचिन्हों पर चल रहे हैं.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा, अधिक रोज़गार सृजन की ज़रूरत है लेकिन निजी क्षेत्र में आरक्षण नहीं होना चाहिए.
उत्तर प्रदेश में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में आरक्षण ख़त्म करने की झूठी ख़बर को मीडिया ने योगी के भ्रष्टाचार विरोधी कड़े कदम के रूप में प्रचारित किया.