राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ के जस्टिस बीरेंद्र कुमार ने सरकारी अधिकारियों के ख़िलाफ़ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के चार आरोपियों को यह कहते हुए बरी किया है कि 'भंगी', 'नीच', 'भिखारी', ‘मंगनी’ शब्द जाति के नाम नहीं हैं.
शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश में साल 1991 में ऑनर किलिंग से संबंधित मामले पर फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि वह पहले भी ऐसी हत्याएं रोकने के लिए कड़े क़दम उठाने के कई निर्देश जारी कर चुकी है. कोर्ट ने यह भी कहा कि जाति-आधारित प्रथाओं द्वारा क़ायम 'कट्टरता' आज भी प्रचलित है और यह सभी नागरिकों के लिए संविधान के समानता के उद्देश्य को बाधित करती है.
मामला उत्तर प्रदेश के अमेठी ज़िले के संग्रामपुर विकासखंड के बनपुरवा सरकारी स्कूल का है. भोजन परोसने के दौरान कथित तौर पर दलित बच्चों की अलग पंक्ति बनाने के आरोप में स्कूल की प्रिंसिपल के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है. जांच के बाद उन्हें निलंबित भी कर दिया गया है.
मामला उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले में बेवर ब्लॉक के दौदापुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय का है. ग्राम प्रधान पति द्वारा शिकायत पर स्कूल का दौरा करने गए अधिकारियों ने पाया कि मिड-डे मील परोसने के लिए अनुसूचित जाति के बच्चों को दिए गए बर्तन अन्य बर्तनों से अलग रखे गए थे. मामले में प्रधानाध्यापिका को निलंबित करने के अलावा दो रसोइयों को भी काम पर से हटा दिया गया है.
मामला तमिलनाडु के कडलूर ज़िले का है. पिछले साल दिसंबर में पंचायत प्रधान चुनी गईं दलित एस. राजेश्वरी कई बैठकों में उसी पंचायत के उप-प्रधान ने ज़मीन पर बैठने को मजबूर किया. आरोप है कि कई अवसरों पर महिला प्रधान को झंडा भी नहीं फ़हराने दिया गया.
बलिया के ज़िलाधिकारी ने आरोपों को निराधार बताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल में छात्रों से शौचालय साफ कराने का मामला सामने आया. कलेक्टर ने कहा कि अगर सफाई कराई है तो यह अच्छी बात है.
परमाणु ऊर्जा विभाग की एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें न सिर्फ़ उपयुक्त पद देने से इनकार कर दिया गया बल्कि उनका डिमोशन भी कर दिया गया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में पुलिस से जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट मांगी है.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.