सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित अपराधों के लिए तब तक मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक कि अपमानित करने के इरादे से ‘सार्वजनिक तौर पर’ जातिवादी टिप्पणी न की गई हो.
सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति पर एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कथित अपराधों के लिए तब तक मुक़दमा नहीं चलाया जा सकता, जब तक कि अपमानित करने के इरादे से ‘सार्वजनिक तौर पर’ जातिवादी टिप्पणी न की गई हो.