यदि जाति का ब्योरा जुटाने से देश की एकता और अखंडता को कोई ख़तरा है तो भाजपा ने यह ब्योरा क्यों इकट्ठा किया? चूंकि मोदी सरकार ने 20वीं पशुगणना के तहत गाय, भैंस आदि की संख्या को सार्वजनिक कर दिया लेकिन जातियों के आंकड़े को सार्वजनिक नहीं किया.
वीडियो: उत्तर प्रदेश के कन्नौज में आलू किसानों की सबसे बड़ी चिंता का विषय आवारा पशु हैं. योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा की राज्य सरकार के गोहत्या पर रोक लगाने के फैसले का पशु व्यापार पर प्रभाव पड़ा है. कथित गोरक्षा समूहों के डर के कारण पशु व्यापारी अपना व्यवसाय सामान्य रूप से करने में असमर्थ हैं. किसानों का कहना है कि इसकी वजह से उन्हें अपने मवेशियों को छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है.
केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना की पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत, दुधारू पशुओं पर लग रही यूनीक पहचान संख्या वाली चिप.
यह बेहद दुख की बात है कि तमाम गांवों में पशुओं की बड़ी संख्या में मौत होने के बावजूद अभी तक उनकी रक्षा के लिए कोई असरदार प्रयास नहीं हुए हैं.