केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के समक्ष यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका का विरोध करते हुए की, जिसमें सीबीआई पर राज्य की सहमति के बिना जांच शुरू करने का आरोप लगाया गया है. नवंबर 2018 में राज्य सरकार ने मामलों की जांच के लिए सीबीआई को दी गई अपनी सामान्य सहमति वापस ले ली थी.
बीते बुधवार को तमिलनाडु के मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को ईडी द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के कुछ घंटों बाद राज्य सरकार ने यह क़दम उठाया है. सेंथिल बालाजी को नौकरी के बदले नकद घोटाले की जांच के तहत गिरफ़्तार किया गया है.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना क़ानून, 1946 के अनुसार, सीबीआई को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में जांच के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की ज़रूरत होती है. अब तक छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मेघालय, मिज़ोरम, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल ने एजेंसी को दी गई आम सहमति वापस ली है.
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना क़ानून, 1946 के अनुसार, सीबीआई को अपने न्यायाधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों से स्वीकृति लेने की आवश्यकता होती है. पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय समेत आठ राज्यों ने सीबीआई से पहले ही आम सहमति वापस ली हुई है.
अक्टूबर 2020 में उद्धव ठाकरे नीत महा विकास आघाडी सरकार ने सीबीआई से जांच के लिए आम सहमति वापस ले ली थी. अधिकारी ने बताया कि इस फैसले के बाद सीबीआई को अब राज्य के मामलों की जांच के लिए राज्य सरकार से मंज़ूरी नहीं लेनी होगी.
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने सीबीआई से सामान्य सहमति वापस लेने का आह्वान करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा नीत सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए जांच एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है. साल 2015 से नौ राज्यों द्वारा सीबीआई से आम सहमति वापस ली गई है.
साल 2015 से नौ राज्यों - महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, मिज़ोरम और मेघालय - ने सीबीआई से जांच के लिए ज़रूरी आम सहमति वापस ले ली है. विपक्ष शासित इन राज्यों ने आरोप लगाया है कि सीबीआई उसके मालिक (केंद्र) की आवाज़ बन गई है और वह विपक्षी नेताओं को ग़लत तरीके से निशाना बना रही है.
कार्मिक मामलों के राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकारों को स्पष्ट करना चाहिए कि वे सीबीआई पर भरोसा करती हैं या नहीं, क्या वे चुनिंदा तरीके से एजेंसी पर भरोसा करती हैं और उनके अनुरूप मामले को लेकर ही चुनिंदा सहमति देना जारी रखे हुए हैं.
इससे पहले आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की सरकारों ने अपने राज्य में सीबीआई को जांच के लिए दी गई आम सहमति को रद्द कर दिया था.
बीते दिनों महाराष्ट्र द्वारा ऐसा फ़ैसला लिए जाने के बाद केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार ने भी ऐसा इरादा जताया है. यदि ऐसा होता है तो सीबीआई को राज्य में किसी मामले की जांच के लिए पहले केरल सरकार की अनुमति लेनी होगी.