पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राजभवन की एक महिला द्वारा लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों के बाद 9 मई को 50 से अधिक लोगों को आरोप वाले दिन का सीसीटीवी फुटेज दिखाया, जिसमें महिला की पहचान छिपाने के लिए फुटेज को ब्लर नहीं किया गया था. भारतीय क़ानून के अनुसार कोई भी व्यक्ति यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाले की पहचान उजागर नहीं कर सकता.