साल 2014 से केंद्रीय एजेंसी की जांच के दायरे में रहे विभिन्न दलों से जुड़े 25 नेता भाजपा में शामिल हुए हैं. इनमें से 23 को उन मामलों में राहत मिल चुकी है, जिनमें वे जांच का सामना कर रहे थे. जबकि तीन के ख़िलाफ़ दर्ज मामले पूरी तरह से बंद कर दिए गए हैं और अन्य 20 में जांच रुकी हुई है या ठंडे बस्ते में हैं.