शीर्ष अदालत ने मामले की सुनवाई तीन महीने के लिए टालते हुए दोनों पक्षों से 30 जून तक मध्यस्थता समिति के समक्ष अपनी आपत्तियां दर्ज कराने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या में '67.7 एकड़ भूमि के अविवादित हिस्से’ पर पूजा करने की अनुमति देने की याचिका खारिज कर दी. इसके अलावा याचिकाकर्ताओं पर लगाए गए पांच लाख रुपये के जुर्माने के फैसले को भी बरकरार रखा.
याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि फिल्म की रिलीज अयोध्या भूमि विवाद मामले में चल रही मध्यस्थता कार्यवाही को प्रभावित करेगी. इस पर अदालत ने कहा, 'मध्यस्थता की कार्यवाही और फिल्म की रिलीज के बीच कोई संबंध नहीं है.'
सबसे ग़रीब तबकों में बाल मृत्यु दर और कुपोषण के स्तर को देखते हुए यह समझ लेना होगा कि लोक सेवाओं और अधिकारों के संरक्षण के बिना न तो ग़ैर-बराबरी ख़त्म की जा सकेगी, न ही भुखमरी, कुपोषण और बाल मृत्यु को सीमित करने के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकेगा.
जब से नई आर्थिक नीतियां आईं, चुनिंदा पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए खुलेआम जनविरोधी नीतियां बनाई जाने लगीं, तभी से देश राष्ट्र में तब्दील किया गया. इन नीतियों से भुखमरी, कुपोषण और ग़रीबी का चेहरा और विद्रूप होने लगा तो देश के सामने राष्ट्र को खड़ा कर दिया गया. खेती, खेत, बारिश और तापमान के बजाय मंदिर और मस्जिद ज़्यादा बड़े मुद्दे बना दिए गए.
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखा निर्माण और बिक्री में शामिल लोगों का रोज़गार ख़त्म होने पर चिंता जताई. कोर्ट ने केंद्र सरकार से जानना चाहा कि क्या उसने पटाखों और वाहनों से होने वाले प्रदूषण के बीच कोई तुलनात्मक अध्ययन कराया है.
अयोध्या विवाद का साल दर साल तार्किक परिणति से दूर और लाइलाज होते जाना जहां देश की व्यवस्थापिका व कार्यपालिका के ख़िलाफ़ बड़ी टिप्पणी है, वहीं न्यायपालिका के ख़िलाफ़ भी है, जिसने इन दोनों की ही तरह विवाद के ख़ात्मे के लिए ज़रूरी जीवट और इच्छाशक्ति का प्रदर्शन नहीं किया.
शीर्ष अदालत ने कहा फ़ैज़ाबाद में होगी मध्यस्थता. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज एफएम खलीफुल्ला की अध्यक्षता में बनी तीन सदस्यीय समिति में श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम पंचू शामिल.
उत्तर प्रदेश सरकार सहित राम मंदिर निर्माण का समर्थन करने वाले सभी पक्षों ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मध्यस्थता को सौंपने के फै़सले का विरोध करते हुए कहा कि अदालत ही मामले का समाधान करे.
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा कि क्या आप गंभीरता से यह समझते हैं कि इतने सालों से चल रहा यह पूरा विवाद संपत्ति के लिए है? हम सिर्फ संपत्ति के अधिकारों के बारे में निर्णय कर सकते हैं परंतु हम रिश्तों को सुधारने की संभावना पर विचार कर रहे हैं.
नई याचिका में दलील दी गई है कि संसद राज्य की भूमि का अधिग्रहण करने के लिए क़ानून बनाने में सक्षम नहीं है. राज्य की सीमा के भीतर धार्मिक संस्थाओं के प्रबंधन के लिए क़ानून बनाने का अधिकार राज्य विधानमंडल के पास है.
संत गोपाल दास पिछले 24 जून से आंदोलनरत हैं और इस दौरान तबियत बिगड़ने पर उन्हें कई बार अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. गोपाल दास के सहयोगियों का आरोप है कि वे लापता नहीं हुए हैं बल्कि उन्हें लापता कराया गया है.
पर्यावरणविद् जीडी अग्रवाल गंगा सफाई के लिए 112 दिनों तक आमरण अनशन पर बैठे थे. बीते 11 अक्टूबर को उनका निधन हो गया. गंगा को लेकर अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीन बार पत्र लिखा था, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
गंगा सफाई के लिए अनशन पर बैठे पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को लेकर विवाद शुरू हो गया है. उन्होंने अपना शरीर एम्स को दान में दे दिया था. उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को लेकर विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है.
पर्यावरणविद् प्रो. जीडी अग्रवाल ने 100 से ज़्यादा दिनों तक अपना अनशन जारी रखा तो सिर्फ इसलिए क्योंकि सरकारों की असंवेदनशीलता के बावजूद उनके दिलोदिमाग में लोकतंत्र को लेकर कोई न कोई उम्मीद ज़रूर बाकी रही होगी. उनके जाने का दुख इस अर्थ में कहीं ज़्यादा सालता है कि ऐसा अनशन के अस्त्र के प्रणेता महात्मा गांधी के जन्म के एक 150वें वर्ष में हुआ है.