लखीमपुर हिंसा: 12 घंटे की पूछताछ के बाद केंद्रीय मंत्री का बेटा गिरफ़्तार, जेल भेजा गया

लखीमपुर हिंसा मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी का नेतृत्व कर रहे डीजीपी उपेंद्र अग्रवाल ने कहा कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पुलिस के सवालों का उचित जवाब नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें गिरफ़्तार किया गया है. आशीष मिश्रा पर आरोप लगा कि वह उन वाहनों में से एक में सवार थे, जिसने बीते तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहे चार किसानों को कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा: एक मृतक की मां ने कहा- दोषियों को फ़ांसी दी जाए

वीडियो: बीते तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश लखीमपुर खीरी ज़िले में हुई हिंसा के दौरान 19 वर्षीय लवप्रीत सिंह की भी जान चली गई थी. उनके परिवार का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की कार से कुचलकर उनकी मौत हुई. परिवार दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. याक़ूत अली और मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट.

लखीमपुर खीरी: कितनी हिंसा झेल पाएगा किसान आंदोलन

वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के विरोध में बीते तीन अक्टूबर को वहां के आंदोलित किसानों ने ज़िले में स्थित उनके पैतृक गांव बनबीरपुर में आयोजित एक समारोह में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के जाने का विरोध किया था. आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के पुत्र आशीष मिश्रा ने किसानों को अपनी गाड़ी से कुचल दिया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी. इस मुद्दे पर किसान नेता

लखीमपुर खीरी हिंसा: जीने-मरने के सवालों पर नहीं, तो कब की जानी चाहिए राजनीति

जो लोग विपक्ष पर राजनीति करने की तोहमत मढ़ रहे हैं, वे भी एक ख़ास तरह की राजनीति ही कर रहे हैं. जब वे किसी भी तरह अप्रिय सवालों को टालने की हालत में नहीं होते, तो चाहते हैं कि वे पूछे ही न जाएं!

लखीमपुर हिंसा: किसान मोर्चा ने यूपी सरकार की एसआईटी को ख़ारिज किया, ‘रेल रोको’ आंदोलन की चेतावनी

केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में दस महीने से आंदोलन कर रहे किसानों के संगठन ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच और जांच आयोग को ख़ारिज करता है. मोर्चा ने मामले की निष्पक्ष जांच कराए जाने और इसकी निगरानी सीधे सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश द्वारा किए जाने की मांग उठाई.

लखीमपुर हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए क़दमों से संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के पूछताछ के लिए नोटिस भेजने की सूचना पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आप क्या संदेश दे रहे हैं. क्या अन्य आरोपी, जिनके ख़िलाफ़ हत्या के तहत मामला दर्ज किया जाता है, उसके साथ भी ऐसा ही व्यवहार होता है. शुक्रवार को आशीष मिश्रा पुलिस के सामने पेश नहीं हुए थे.

लखीमपुर: मृत भाजपा कार्यकर्ता के पिता बोले- बेटे को बलि का बकरा बनाया गया

लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए आठ लोगों में शामिल भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिजनों ने कहा कि मीडिया और नेता सिर्फ पीड़ित किसानों के घर जा रहे हैं और उन्हीं की पीड़ा दिखा रहे हैं. परिवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपने यहां पर आमंत्रित किया है.

लखीमपुर खीरी हिंसा: दो आरोपी गिरफ़्तार, पूछताछ के लिए नहीं पेश हुए गृह राज्य मंत्री के बेटे

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में दो आरोपियों लव कुश और आशीष पांडे को गिरफ़्तार कर लिया गया है. वहीं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपराध शाखा कार्यालय में बुलाया गया था. पुलिस ने बताया कि घटनास्थल की जांच में उन्हें कारतूस के खोखे मिले हैं.

लखीमपुर खीरी हिंसा: ‘मेरे बेटे को समय से अस्पताल भिजवा देते तो उसकी जान बच सकती थी’

वीडियो: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में किसानों और भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा पत्रकार रमन कश्यप की भी जान चली गई थी. रमन लखीमपुर खीरी में एक स्थानीय मीडिया संगठन में कार्यरत थे. उनके परिवार ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. द वायर के याक़ूत अली और मुकुल सिंह चौहान की रिपोर्ट.

लखीमपुर हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी, पूछा- क्या आरोपी पकड़े गए

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे द्वारा वाहन चढ़ा देने से चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा से संबंधित नया वीडियो वायरल, एक एसयूवी में पूर्व सांसद के भतीजे भी थे

घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि एक एसयूवी गाड़ी में कांग्रेस से पूर्व राज्यसभा सांसद अखिलेस दास के भतीजे अंकित दास भी थे. दास का लखनऊ में बिजनेस है और उन्हें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा का क़रीबी माना जाता है. अजय मिश्रा द्वारा किसानों को दी गई चेतावनी का एक कथित वीडियो सामने आने के बाद बीते तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समूह पर कथित तौर पर उनके बेटे

किसानों ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मृतकों के पोस्टमॉर्टम पर संदेह जताया

वीडियो: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में बीते तीन अक्टूबर को हिंसा के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनके परिजनों को पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है. इसके अलावा किसानों का आरोप है कि मीडिया के माध्यम से उन्हें जो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिली है, उसमें गोली लगने का जिक्र नहीं है, जबकि मौत का कारण वाहन से कुचलने के अलावा गोली लगना भी है. किसानों में इस बात को लेकर भी रोष है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय

प्रधानमंत्री जी, कृषि क़ानूनों का विरोध अगर ‘राजनीतिक धोखाधड़ी’ है, तो उन पर अड़े रहना क्या है

मोदी सरकार ने किसानों से वार्ताओं के कई दौर चलाए, लेकिन इस शर्त के साथ कि ‘संसद द्वारा पारित’ कृषि क़ानूनों को कतई वापस नहीं लिया जाएगा, क्योंकि इससे संसद की सर्वोच्चता की हेठी हो जाएगी. जैसे कि अब तक जनाक्रोश भड़कने अथवा अनुपयोगी हो जाने पर जिन क़ानूनों को वापस लिया या निरस्त किया जाता रहा है, वे संसद के बजाय प्रधानमंत्री कार्यालय में पारित किए गए थे!

क्या लखीमपुर हिंसा का असर योगी आदित्यनाथ की चुनावी संभावनाओं पर पड़ेगा?

वीडियो: उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के सामूहिक बलात्कार और मौत के बाद किसी अन्य घटना ने इतना ध्यान आकर्षित नहीं किया, जितना हाल ही में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शनकारी किसानों को निर्ममतापूर्ण तरीके से कुचल देने की घटना ने किया है. दूसरी ओर ठोस कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार की ढिलाई ने किसानों के गुस्से को शांत करने के बजाय और बढ़ा दिया है.

लखीमपुर खीरी: मृत पत्रकार के परिवार ने कहा- किसानों को कुचलने का वीडियो लेने के चलते ‘गोली’ मारी

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में मारे गए आठ लोगों में 35 वर्षीय पत्रकार रमन कश्यप भी शामिल हैं. परिवार का आरोप है कि प्राथमिक उपचार न मिलने के चलते पत्रकार की मौत हुई है. उन्होंने 50 लाख रुपये मुआवज़े और एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

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