बेअदबी के आरोप में बीते 19 दिसंबर को कपूरथला के एक गुरुद्वारा में की गई लिंचिंग में पीड़ित व्यक्ति के शव पर घाव के क़रीब 30 निशान मिले हैं. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि यह घटना हत्या की ओर इशारा करती है, क्योंकि जांच में बेअदबी का कोई सबूत नहीं मिला है. कपूरथला के अलावा बीते 18 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में जिन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी, उन दोनों
सभ्य, लोकतांत्रिक और आधुनिक समाजों में मॉब लिंचिग जैसी बर्बरताओं की कोई जगह नहीं है- धर्मग्रंथों व प्रतीकों की बेअदबी के नाम पर भी नहीं.
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि विस्फोट की निंदा करते हुए कहा कि जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आ रहे हैं, कुछ राष्ट्र विरोधी तथा राज्य विरोधी ताकतें इस तरह के घिनौने कृत्यों को अंजाम देने की कोशिश कर रही हैं.
पंजाब विधानसभा ने साल 2018 में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के संबंध में दो विधेयकों को पारित किया था, जिसमें आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा देने का प्रावधान किया गया है. उप-मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि राष्ट्रपति इन कानूनों को तत्काल मंज़ूरी प्रदान करें.
पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में 18 दिसंबर को कथित तौर पर बेअदबी का प्रयास करने के आरोप में एक व्यक्ति के हत्या के बाद 19 दिसंबर को इसी तरह कपूरथला निजामपुर गांव के गुरुद्वारे में एक व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. हालांकि कपूरथला में हुई घटना में पुलिस ने बेअदबी किए जाने के आरोप से इनकार किया. दोनों घटनाओं में मृतकों की अब तक पहचान नहीं हो सकी है.
यह घटना बीते 18 दिसंबर को उस समय हुई, जब एक व्यक्ति अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर में पवित्र स्थल पर रखी महाराजा रणजीत सिंह की तलवार उठाने के बाद उस स्थान के पास पहुंच गया, जहां सिख ग्रंथी पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ कर रहे थे. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यबल के सदस्य जब उसे पकड़कर एसजीपीसी कार्यालय ले जा रहे थे, तब गुस्साई भीड़ ने उसकी बुरी तरह से पिटाई कर दी, जिससे उसकी मौत हो गई.
बरनाला ज़िले की जेल में बंद एक विचाराधीन क़ैदी ने अदालत में कहा कि जेल में एड्स और हेपेटाइटिस पीड़ितों को अलग वॉर्ड में नहीं रखा जाता और जब भी उन्होंने इस मसले को उठाने की कोशिश की तो जेल अधीक्षक ने उन्हें पीटा. जेल अधीक्षक ने क़ैदी पर मनगढ़ंत कहानियां बनाने का आरोप लगाया है.
पंजाब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ मतभेद और प्रदेश कांग्रेस में अंदरूनी कलह के बाद अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री पद से बीते 18 सितंबर को इस्तीफ़ा दे दिया था. इस्तीफ़ा देने के बाद सिंह ने कहा था कि वह खुद को ‘अपमानित’ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने संकेत दिया था कि वह पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक दल बनाएंगे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर अख़बारों में विज्ञापन नहीं देने पर पंजाब की चरणजीत सिंह चन्नी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने एक अन्य ट्वीट में दिल्ली कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के तौर पर जगदीश टाइटलर की नियुक्ति की ओर इशारा किया और हैरानी जताई कि इंदिरा गांधी को याद करने के लिए पंजाब सरकार का विज्ञापन नहीं जारी करने का क्या इससे कोई संबंध है.
कांग्रेस नेता और पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने अमरिंदर सिंह के एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने और भाजपा से साथ सीट बंटवारे को लेकर तैयार होने की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अगर कैप्टन भाजपा के साथ जाना चाहते हैं तो ऐसा कर सकते हैं. उन्हें ‘सर्वधर्म सम्भाव’ का प्रतीक माना जाता था. ऐसा लगता है कि उन्होंने अपने अंदर के ‘धर्मनिरपेक्ष अमरिंदर’ को मार दिया है.
वीडियो: कांग्रेस की पंजाब इकाई में गुटबाज़ी और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू से तनातनी की वजह से बीते सितंबर माह में पंजाब के मुख्यमंत्री पद से अमरिंदर सिंह के इस्तीफ़ा देने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब के 27वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. चन्नी पंजाब में मुख्यमंत्री बनने वाले दलित समुदाय के पहले व्यक्ति हैं. इस बीच सिद्धू ने भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. इन घटनाक्रमों पर पंजाब के
भाजपा में शामिल होने की अटकलों को नकारते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह ऐसी पार्टी में नहीं रह सकते, जहां उनका अपमान हो और उन पर विश्वास न किया जाए. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नीचे की ओर जा रही है. वरिष्ठ नेताओं की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है. कांग्रेस नेतृत्व को ‘जी 23’ नेताओं की बात सुननी चाहिए.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल पार्टी की पंजाब इकाई में मचे घमासान और कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को लेकर बुधवार को पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए थे. उसके बाद पार्टी के कई कार्यकर्ताओं ने सिब्बल के आवास के बाहर प्रदर्शन किया और उनके ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की थी.
पंजाब में मची राजनीतिक खींचतान के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पार्टी के कामकाज को लेकर नाराज़गी जताते हुए कहा कि विडंबना है कि जिन्हें पार्टी हाईकमान अपना ख़ासमख़ास समझती थी, वे पार्टी छोड़कर चले गए लेकिन जिन्हें वे ख़ास नहीं मानते थे, वे आज भी साथ खड़े हैं.
बीते दिनों पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत की बृहस्पतिवार को की गई टिप्पणी का जवाब दे रहे थे, जिसमें श्रीनेत ने कहा था कि पार्टी के अंदर गुस्सा करने के लिए कोई जगह नहीं है. अमरिंदर द्वारा कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को कथित तौर पर ‘अनुभवहीन’ बताए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए श्रीनेत ने यह बात कही थी.